युवक ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- पत्नी ने दहेज का झूठा केस लगाया, तलाक के लिए हत्या की धमकी दी

आरोप / युवक ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- पत्नी ने दहेज का झूठा केस लगाया, तलाक के लिए हत्या की धमकी दी

दिनेश यादव
  • ससुराल वाले करते थे प्रताड़ित
  • ढाई साल की बेटी को जहर देने के लिए कह रहे थे

Dainik Bhaskar

Oct 19, 2018, 02:10 AM IST

इंदौर. चार दिन से लापता युवक ने छोटी ग्वालटोली के होटल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। युवक का चार पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। उसमें लिखा है कि पत्नी और ससुराल वालों ने दहेज प्रताड़ना का झूठा केस लगा दिया। फिर राजीनामे का झांसा देकर घर बुलाया और तलाक देने के लिए दबाव बनाया। साथ ही धमकी दी कि यदि तलाक नहीं दिया तो ढाई साल की बेटी और उसे जान से मार देंगे।

छोटी ग्वालटोली टीआई आरके सिंह के मुताबिक मृतक दिनेश (32) पिता सन्नू लाल यादव निवासी सदर बाजार है। होटल से चार पन्ने का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने पत्नी और ससुराल वालों पर प्रताड़ित करने के बारे में लिखा है। प्रशासन से निवेदन किया कि मेरे परिवार पर दहेज के झूठे आरोप लगाए है उन्हें हटाया जाए।

मेरी बेटी को भी इनके पास नहीं रहने दिया जाए। इन लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। युवक घरों में डीटीएच की छतरी लगाने का काम करता था। वह मूलत: ग्वालियर में माधवगंज, लकड़वाला गली के रहने वाले हैं।

मायके गई तो लौटी नहीं, वहीं शिफ्ट होने का दबाव बनाया : बड़े भाई संजय यादव ने बताया कि दिनेश ने 2014 में ग्वालियर की ही रहने वाली कंचन शर्मा से आर्य समाज में लव मैरिज की थी। इनकी ढाई साल बेटी मोक्षिता है। करीब डेढ़ साल पहले कंचन अपने माता-पिता से मिलने का बोलकर ग्वालियर चली गई।

इसके बाद दिनेश के कई बार बुलाने पर वापस नहीं आई। बाद में वह दिनेश को ही ग्वालियर शिफ्ट होने का कहने लगी। इस पर उसने कहा कि मेरी नौकरी यही है। मैं वहां शिफ्ट नहीं हो सकता। इसके बाद कंचन ने मार्च 2018 में दिनेश और हमारे खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस लगा दिया, लेकिन कंचन के पास इंदौर का पता नहीं था, इसलिए केस दर्ज नहीं हो पा रहा था।

एक दिन कंचन ने राजीनामे का बहाना बनाकर दिनेश को ग्वालियर बुलवा लिया। इसके बाद ससुर देवेंद्र शर्मा, सास उषा, बड़ा भाई गिरिराज और छोटे भाई मयंक सहित अन्य लोगों ने दिनेश को धमकाया कि यदि कंचन को तलाक नहीं दिया तो तुझे, तेरी बेटी और परिवार को जान से मार देंगे। इसके बाद दिनेश के इंदौर आने के बाद भी वो लोग कॉल करके उसेे परेशान करते रहे।

चौथे दिन लाश मिली :

भाई ने बताया कि दिनेश 14 अक्टूबर की शाम घर से बिना कुछ बोले चला गया था। देर रात तक नहीं लौटा तो हम समझे कि किसी दोस्त के यहां पर रात को रुक गया होगा। 15 को घर नहीं आया तो हमने उसकी तलाश शुरू की। ग्वालियर में कॉल करके पूछा तो कुछ पता नहीं चला।

16 को उसके दोस्तों के डायरी में नंबर देख रहा था तो उसका सुसाइड नोट मिला तो मैं उसे लेकर सदर बाजार थाने पहुंचा और वहां पर गुमशुदगी की शिकायत की। फिर भी पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। गुरुवार को छोटे भाई आनंद को कॉल आया कि उसने छोटी ग्वालटोली की स्वाति होटल में फांसी लगा ली।

होटल संचालक द्वारका प्रसाद पाल ने बताया कि सुबह राजू नामक युवक दिनेश के कमरे में चाय देने गया तो उसने दरवाजा नहीं खोला। दरवाजा तोड़ा तो दिनेश फंदे पर लटका था। भाई का आरोप है कि पुलिस समय रहते तलाश करती तो भाई जिंदा होता।

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