ट्यूशन पढ़ने आने वाले से मोहब्बत में पति का कत्ल, न प्यार मिला न पति रहा-Navbharat Times
ट्यूशन पढ़ने आने वाले से मोहब्बत में पति का कत्ल, न प्यार मिला न पति रहा
20 दिन में एक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पलट दी उस सार्जेंट की मौत की मिस्ट्री। माना जा रहा था कि मौत हार्ट अटैक से हुई है। रोती-बिलखती सार्जेंट की बीवी को देखकर हर किसी की आंख में हमदर्दी के आंसू थे। पीएम रिपोर्ट में लिखा था-गला घोंटकर मर्डर। हत्या की थी पत्नी और उसके नाबालिग प्रेमी ने।
नई दिल्ली
20 दिन में एक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पलट दी उस सार्जेंट की मौत की मिस्ट्री। माना जा रहा था कि मौत हार्ट अटैक से हुई है। रोती-बिलखती सार्जेंट की बीवी को देखकर हर किसी की आंख में हमदर्दी के आंसू थे। पीएम रिपोर्ट में लिखा था-गला घोंटकर मर्डर। इसे देखकर पुलिस भी चकरा गई थी। सवाल उठा कि क्यों हुआ मर्डर? कातिल कौन है?
अस्पताल की ओर से बुलाई गई थी पुलिस
करीब पांच साल पहले 10 अप्रैल 2014 को दिल्ली कैंट थाने की फोन की घंटी घनघनाई। एयरफोर्स के सार्जेंट की मौत से जुड़ी कॉल अस्पताल ने की थी। वह इलाहाबाद के रहने वाले थे। उम्र थी 40 साल। दिल्ली में पोस्टिंग हुई तो सुब्रतो पार्क में एयरफोर्स के सरकारी क्वॉर्टर में 28 साल की पत्नी और साढ़े तीन साल की बेटी के साथ रहने लगे। उस रात मौत से चंद मिनटों पहले उनकी बीवी ने उन्हें अस्पताल लाकर भर्ती कराया था। बताया कि शराब पीने के बाद सीने में दर्द उठा। डॉक्टरों ने जांच की तो पाया कि नब्ज बंद है और धड़कन खामोश। इस मौत ने डॉक्टरों को शंका में डाल दिया था। इसी वजह से पुलिस को कॉल की गई थी। शक की बिनाह पर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराया था। अगले दिन शव को उनकी पत्नी और परिजनों के हवाले कर दिया गया।
कॉल डिटेल से सुलझी गुत्थी
1 मई को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली। शक सही साबित हुआ। पुलिस की तमाम माथापच्ची के बाद 6 मई को दिल्ली कैंट में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। शक के दायरे में सबसे ऊपर थीं सार्जेंट की बीवी। उनकी कॉल डिटेल निकाली। एक नंबर मिला जिस पर हत्या से पहले और बाद में लगातार बातें हो रही थीं। कत्ल की टाइमिंग में महिला और उस नंबर की लोकेशन भी एक ही जगह। पुलिस ने 8 मई को महिला से पहली बार सवाल-जवाब किए। कुछ ही वक्त में पुलिस के सवालों में ऐसी उलझी कि उसे अपना गुनाह कबूल करना पड़ा।
ट्यूशन पढ़ाने से शुरू हुई कहानी
पुलिस के सामने सार्जेंट की बीवी ने अपनी जिंदगी की किताब का एक-एक पन्ना पलटना शुरू किया। पढ़ाई में शुरू से अव्वल थी। डिग्री हासिल की। पिता भी एयरफोर्स में थे। उन्होंने वर खोजा। पिता की मर्जी से 2008 में इलाहबाद शादी हुई। पति और उसके बीच उम्र का फासला 12 साल का था। वह अक्सर ऑफिस में बिजी रहते। दिन के खालीपन को भरने के लिए घर में ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। काफी बच्चे ट्यूशन में आने लगे। उन्हीं में से एक था पड़ोस का ही 11वीं क्लास लड़का। उसकी उम्र 17 साल थी। ट्यूशन के दौरान ही दोनों एक-दूसरे के इतने करीब आ गए कि एक दिन संबंध बन गए।
भारी पड़ा मोहब्बत का पलड़ा
पत्नी के बदलते मिजाज और अंदाज से पति को भी कुछ शक हुआ। वजह था ट्यूशन के बाद भी लड़के का कई घंटे घर में रुके रहना। फिर बीवी का लगातार बिजी फोन। कॉल रजिस्टर में लड़के के नंबर का हमेशा रहना। सार्जेंट ने लड़के के घर आने पर लगा दी रोक। मोहब्बत की राह में पति रोड़ा लगने लगा। पति के सामने मोहब्बत का पलड़ा भारी पड़ने लगा।
रास्ते से हटाने का बनाया प्लान
लड़के के साथ मिलकर हत्या को हादसे की शक्ल देने का रास्ता खोजा जाने लगा। सबसे पहले इंटरनेट पर ऐसे तरीकों को खोजा गया। साजिश के तहत 10 अप्रैल की रात नाबालिग घर आ गया। पति की घर पर दस्तक हुई। लड़के को देख गुस्से में भर आए। पत्नी ने खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दिए। लड़के ने हाथ का फंदा बनाया और गर्दन को भींचता चला गया। पत्नी काबू किए रही। बेसुध होने पर बीवी ने गला दबा दिया। फिर अस्पताल में रची सीने में दर्द की कहानी। बीवी की बुनी गई साजिश को सुनकर हर कोई सन्न रह गया। पुलिस को मृतक के परिजनों ने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद तेरहवीं तक वह ससुराल में रही। उसका हर वक्त अकेले में फोन पर बात करते बीतता। न पति रहा और न ही नाबालिग प्रेमी मिली। नसीब हुईं, तो बस सलाखें। नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
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