तड़के चार बजे तक किया इंतजार, नींद लगते ही पति पर फरसे से किए 16 वार | तड़के चार बजे तक किया इंतजार, नींद लगते ही पति पर फरसे से किए 16 वार - Dainik Bhaskar
14/03/2018
https://www.bhaskar.com/mp/bhopal/news/MP-BPL-HMU-MAT-latest-bhopal-news-061504-1269879-NOR.html
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तड़के चार बजे तक किया इंतजार, नींद लगते ही पति पर फरसे से किए 16 वार / तड़के चार बजे तक किया इंतजार, नींद लगते ही पति पर फरसे से किए 16 वार
News - इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (आईआईएफएम) के कर्मचारी 25 वर्षीय नीरज मेवाड़ा की गला रेतकर हत्या उसकी प|ी ने...
Mar 14, 2018, 06:15 AM IST
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (आईआईएफएम) के कर्मचारी 25 वर्षीय नीरज मेवाड़ा की गला रेतकर हत्या उसकी प|ी ने ही की थी। इस दौरान उसने 16 वार किए थे। चर्मरोग के कारण वह पति को पसंद नहीं करती थी। 5 महीने की गर्भवती से हकीकत उगलवाने में खजूरी सड़क पुलिस को 48 घंटे लग गए। इससे पहले उसने सात परिचितों पर वारदात में शामिल होने की बात कही, लेकिन वे मौके पर थे ही नहीं। नीरज की लाश ईंटखेड़ी छाप स्थित कमरे में रविवार सुबह मिली थी। शक के आधार पर पुलिस ने प|ी नीतू को हिरासत में लिया था।
रात में उस कमरे में नीरज के साथ उनकी प|ी नीतू ही थी। शक नीतू पर ही था इसलिए खजूरी सड़क पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू की। एएसपी समीर यादव के मुताबिक करीब 48 घंटे तक चली पूछताछ में उसने सात ऐसे परिचितों के नाम पुलिस के सामने ले लिए, जिनका इस वारदात से कोई लेना-देना ही नहीं था। एक-एक कर पुलिस उन्हें बुलाती गई, लेकिन घटनास्थल पर उनकी मौजूदगी के प्रमाण न मिलने पर छोड़ती गई।
नीरज मेवाड़ा
कबूलनामा : पति पसंद नहीं था, मारपीट करता था
मुझे नीरज पहले दिन से ही पसंद नहीं थे। उन्हें चर्मरोग था। वे मेरे चरित्र पर भी शक करते थे और मारपीट भी करते थे। शनिवार को भी उनसे इसी बात को लेकर बहस हुई थी। शाम को ही फरसा नीरज के पलंग के नीचे छिपा दिया था। रात में खाने के बाद हम दोनों अपने कमरे में गए। उन्हें नींद नहीं आ रही थी और मुझे उनके सोने का इंतजार था। इसलिए पलंग के पास बैठकर उनसे सुबह चार बजे तक बात करती रही। जैसे ही नीरज को नींद लगी, मैंने फरसा निकाल लिया। कमरे की लाइट बंद थी, लेकिन दरवाजे का पट थोड़ा खुला होने के कारण बाहर की रोशनी आ रही थी। फरसे से मैंने उनके गले पर वार करने शुरू किए, लेकिन बाद में पता चला कि उस वक्त उनका हाथ गले पर था। इसलिए शुरू के चार-पांच वार हाथ पर लगे। हाथ जैसे ही गले से हटा मैंने ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए। तब तक मारा, जब तक चीख बंद नहीं हो गई। फिर मैंने बाथरूम में फरसा और हाथ धो लिए और सुबह पांच बजे कमरे से नीचे उतर आई।
(जैसा कि नीतू ने पुलिस को बताया)
पति की हत्या की आरोपी नीतू मेवाड़ा
पुलिस को बताईं 4 कहानियां
पति का शव देखने के बाद भी नीतू के चेहरे पर न शिकन थी और न ही उसकी आंखें नम हुईं। उसने पुलिस को खूब गुमराह किया। एक बार कहा-मेरे कमरे का दरवाजा खुला था, तभी नीरज के दोस्त अंदर घुस आए। मुझे पलंग पर गिरा दिया और नीरज पर हमला कर दिया। उसने तीन और कहानियां भी पुलिस को बताईं, लेकिन सभी झूठी निकलीं।
हत्या का इरादा लेकर ही मायके से लौटी : वारदात से चार-पांच दिन पहले ही नीतू मायके से लौटी थी। उसने बताया कि तभी से उसके मन में था कि नीरज की हत्या करनी है। मंगलवार दोपहर गिरफ्तार कर पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
रात में उस कमरे में नीरज के साथ उनकी प|ी नीतू ही थी। शक नीतू पर ही था इसलिए खजूरी सड़क पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू की। एएसपी समीर यादव के मुताबिक करीब 48 घंटे तक चली पूछताछ में उसने सात ऐसे परिचितों के नाम पुलिस के सामने ले लिए, जिनका इस वारदात से कोई लेना-देना ही नहीं था। एक-एक कर पुलिस उन्हें बुलाती गई, लेकिन घटनास्थल पर उनकी मौजूदगी के प्रमाण न मिलने पर छोड़ती गई।
नीरज मेवाड़ा
कबूलनामा : पति पसंद नहीं था, मारपीट करता था
मुझे नीरज पहले दिन से ही पसंद नहीं थे। उन्हें चर्मरोग था। वे मेरे चरित्र पर भी शक करते थे और मारपीट भी करते थे। शनिवार को भी उनसे इसी बात को लेकर बहस हुई थी। शाम को ही फरसा नीरज के पलंग के नीचे छिपा दिया था। रात में खाने के बाद हम दोनों अपने कमरे में गए। उन्हें नींद नहीं आ रही थी और मुझे उनके सोने का इंतजार था। इसलिए पलंग के पास बैठकर उनसे सुबह चार बजे तक बात करती रही। जैसे ही नीरज को नींद लगी, मैंने फरसा निकाल लिया। कमरे की लाइट बंद थी, लेकिन दरवाजे का पट थोड़ा खुला होने के कारण बाहर की रोशनी आ रही थी। फरसे से मैंने उनके गले पर वार करने शुरू किए, लेकिन बाद में पता चला कि उस वक्त उनका हाथ गले पर था। इसलिए शुरू के चार-पांच वार हाथ पर लगे। हाथ जैसे ही गले से हटा मैंने ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए। तब तक मारा, जब तक चीख बंद नहीं हो गई। फिर मैंने बाथरूम में फरसा और हाथ धो लिए और सुबह पांच बजे कमरे से नीचे उतर आई।
(जैसा कि नीतू ने पुलिस को बताया)
पति की हत्या की आरोपी नीतू मेवाड़ा
पुलिस को बताईं 4 कहानियां
पति का शव देखने के बाद भी नीतू के चेहरे पर न शिकन थी और न ही उसकी आंखें नम हुईं। उसने पुलिस को खूब गुमराह किया। एक बार कहा-मेरे कमरे का दरवाजा खुला था, तभी नीरज के दोस्त अंदर घुस आए। मुझे पलंग पर गिरा दिया और नीरज पर हमला कर दिया। उसने तीन और कहानियां भी पुलिस को बताईं, लेकिन सभी झूठी निकलीं।
हत्या का इरादा लेकर ही मायके से लौटी : वारदात से चार-पांच दिन पहले ही नीतू मायके से लौटी थी। उसने बताया कि तभी से उसके मन में था कि नीरज की हत्या करनी है। मंगलवार दोपहर गिरफ्तार कर पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
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