Rajasthan News In Hindi : Woman molested husband along with lover due to illicit relations | अवैध संबंधों के चलते महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करवाई - Dainik Bhaskar
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जयपुर / पक्षी त्रासदी से पहले तैयार हुए 2 लाख टन नमक में साइड इफेक्ट नहीं, सप्लाई मंजूर
- इस सीजन के उत्पादन व उपयोग के लिए नमक आयुक्तालय ने आईवीआरआई बरेली से रिपोर्ट मांगी, उसके बाद ही लेंगे फैसला
Dainik Bhaskar
Nov 27, 2019, 07:18 AM ISTजयपुर (महेश शर्मा). सांभर झील में पक्षी त्रासदी का ह्यूमन लाइफ पर सबसे बड़ा साइड-इफेक्ट नमक में किसी हानिकारक तत्व की आशंका को लेकर सामने आया था। इसके बाद नमक सप्लाई पर रोक लगाई गई। भास्कर ने पूरी तरह लगी रोक और इसके प्रभाव को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की तो अब पुराने स्टॉक (जो त्रासदी से पहले इकट्ठा) को जारी रखने की मंजूरी मिली है। मंगलवार को दिल्ली में बैठे नमक अधिकारियों (वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय) ने इस बारे में निर्देश जारी किए। इसके बाद राजधानी स्थित नमक आयुक्त कार्यालय से आदेशों की पालना में पुराने नमक उत्पादन को जारी करने की छूट दी है। आदेशानुसार जुलाई 2019 से पहले के स्टॉक को भेजने की अनुमति दी गई है। इसका मौजूदा पक्षी त्रासदी से सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं था। वहीं, नमक इंस्पेक्टरों की ओर से जुटाई जानकारी के मुताबिक यह पुराना स्टाॅक करीब 2 लाख टन के आसपास है।
शपथ-पत्र देना होगा कि सिर्फ पुराना स्टॉक ही भेजा जाएगा...
संबंधित विभाग के मुताबिक मौजूदा छूट सशर्त प्रदान की गई है। इसके तहत केवल पुराने स्टॉक को मानव खाद्य प्रयोजन के लिए प्रोसेस कर निर्गमन की अनुमति है। नमक उत्पादकों से स्टाम्प पेपर पर इस आशय का शपथ पत्र लिया जाएगा कि वे पुराने स्टॉक का ही मानव खाद्य उपयोग के लिए लदान करेंगे। यानी सशर्त अनुमति दी गई है। चूंकि पहले का स्टॉक वेरिफाई किया हुआ है, ऐसे में नए उत्पादन की सप्लाई रोकने की जिम्मेदारी इंस्पेक्टरों की रहेगी।
अब क्या? पानी-नमक की जांच के बाद ही नया स्टॉक जा सकेगा
मौजूदा नमक के उपयोग को लेकर फिलहाल रोक रहेगी। लवण इंस्पेक्टर इसे बाहर भेजने की अनुमति तब तक नहीं देंगे, जब तक कि पानी और नमक की जांच की पुष्टि नहीं हो जाती। इसके लिए नमक आयुक्तालय ने आईवीआरआई से संपर्क कर रिपोर्ट मांगी है। जो हैल्थ मिनिस्ट्री तक जाएगी। इससे पहले स्टेट एजेंसियों को भी लिखा गया है, लेकिन पूरी छूट के लिए केंद्र की जांच एजेंसी की रिपोर्ट का इंतजार रहेगा।
सांभर साल्ट की नाक के नीचे ही 4 घंटे में 83 डेडबॉडी निकालीं
सांभर झील में परिंदों की मौत के कारण सामने आने से बीमारी का इलाज नहीं हुआ है। जयपुर डिविजन एरिया में ही जहां फोकस ज्यादा है, वहां सांभर साल्ट टेन एरिया में जैसे ही रेस्क्यू टीम पहुंची तो कुछ घंटों में 83 परिंदों की लाशें सामने आई। इसे देख सब चौंक पड़े, क्योंकि संबंधित साल्ट अधिकारियों की ओर से इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। जयपुर एरिया से मौतों का आकड़ा 3-4 दिन बाद एक बार फिर सौ के पार 109 पहुंचा। वहीं नागौर, नावा क्षेत्र में रोजाना करीब 60 परिंदों की डेडबॉडी मिल रही हैं।
पक्षियों के नाम पर प्रसिद्धि और अपने हित साधने वाले गायब...
सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी के बावजूद इनके नाम पर अपने हित साधने वाले मौके पर पहुंचे ही नहीं। इनमें वाइल्ड लाइफ बोर्ड में शामिल होने वालों सहित पैसा कूटने वाले कई एनजीओ आदि शामिल हैं। अवैध माइनिंग का मुनाफा कूटने वालों का दिल भी नहीं पसीजा। मंगलवार को झील का दौरा करके आए कलेक्टर दिनेश यादव के सामने भी ये बात आई।