पत्नी की हत्या कर जेल अधीक्षक ने दी जान
पत्नी की हत्या कर जेल अधीक्षक ने दी जान
-बस्ती जेल में हुए हंगामे के बाद चल रहे थे निलंबित
-सरकारी पिस्तौल से पहले पत्नी, फिर खुद को मारी गोली
-कृष्णानगर आवास पर कलह के बाद पत्नी ने खाया था जहर
-सुसाइड नोट में दोनों मौतों के लिए खुद को ठहराया जिम्मेदार
जागरण संवाददाता, लखनऊ: जेल महकमे के तेज तर्रार अफसर वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरके केसरवानी पारिवारिक कलह का सामना नहीं कर सके। उन्होंने शुक्रवार को कृष्णानगर स्थित अपने आवास पर पहले पत्नी को गोली मार दी, फिर अपनी कनपटी पर भी गोली दाग ली। दोनों लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने उनके घर से घटना में प्रयुक्त सरकारी पिस्तौल, खोखे, कीटनाशक की शीशी व सुसाइड नोट बरामद कर लिया है। सुसाइड नोट से सामने आया कि उनकी पत्नी ने घरेलू विवाद के बाद कीटनाशक पी लिया था। अस्पताल न जाने की जिद से क्षुब्ध होकर आरके केसरवानी उन्हें गोली मार दी और अपनी भी जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना के लिए उन्होंने खुद को जिम्मेदार ठहराया है।
मूल रूप से मिर्जापुर के रहने वाले वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरके केसरवानी राजधानी में कृष्णानगर थाना क्षेत्र की इंद्रलोक कॉलोनी स्थित विजय नगर के मकान नंबर एफ-146 में परिवारीजनों के साथ रहते थे। बस्ती जेल में बीते दिनों हुए बंदियों के हंगामे के बाद से वह निलंबित चल रहे थे। शुक्रवार को घर में आरके केसरवानी (43), उनकी पत्नी सुनीता (40), बेटी वर्तिका, मां फूलमती, बंदीरक्षक कुंवर पाल व नौकर हरीश नेगी मौजूद थे। उनका बेटा चिराग पानीपत के एक विद्यालय में पढ़ता है। पति-पत्नी में काफी समय से अनबन चली आ रही थी। शुक्रवार को भी इसी बात को लेकर दोनों लोगों में सुबह से ही विवाद शुरू हो गया था। घर वालों के मुताबिक आरके केसरवानी का कहना था कि सुनीता मायके चली जाएं, लेकिन वह घर से जाने को तैयार नहीं थीं। इसको लेकर दोनों में मारपीट भी हुई। उसके बाद सुनीता ने बेटी से कहा कि ऊपर के कमरे में जाओ और सामान रख लो, अब हम लोग यहां नहीं रहेंगे। वर्तिका कमरे में चली गई। तभी सुनीता दूसरे कमरे में गई और कीटनाशक पी लिया। जानकारी होने पर आरके केसरवानी ने सुनीता से अस्पताल चलने को कहा। बेटी ने भी मां से अस्पताल चलने की बात कही, लेकिन उन्होंने इलाज कराने से मना कर दिया। उसके बाद आरके केसरवानी ने सुसाइड नोट लिखा और नाइन एमएम पिस्तौल से पहले पत्नी के बायीं कनपटी पर गोली मार दी और बाद में अपनी कनपटी पर भी गोली दाग दी। इसी बीच बंदी रक्षक कुंवर पाल ड्यूटी पर पहुंचा तो मां फूलमती ने कहा कि देखो ड्राइंग रूम में क्या हुआ? उसके मुताबिक वह वहां पहुंचा तो दोनों लोग खून से लथपथ पड़े थे। बगल में पिस्तौल गिरी थी। उसने दोनों लोगों को गाड़ी से पहले अवध अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने ट्रामा सेंटर ले जाने की सलाह दी तो वह उन्हें ट्रामा ले गया। वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पंचनामा भरवाने वाले मजिस्ट्रेट शंकर मुखर्जी ने बताया कि घटना शुक्रवार सुबह 11 से 11:30 बजे के बीच की है।
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