पत्नी कहती थी मायके में आकर रहो, पति ने घर में लगा ली फांसी
पत्नी कहती थी मायके में आकर रहो, पति ने घर में लगा ली फांसी
अपने माता-पिता के साथ रहना चाहता था युवक भास्कर संवाददाता|इंदौर प|ी और ससुराल वाले घर जमाई बनने के लिए दबाव...
Dainik Bhaskar
Oct 15, 2018, 03:21 AM ISTभास्कर संवाददाता|इंदौर
प|ी और ससुराल वाले घर जमाई बनने के लिए दबाव बना रहे थे, लेकिन युवक माता-पिता के साथ रहना चाहता था। प|ी से रोज-रोज के विवाद से तंग आकर शनिवार सुबह उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना गेदरिया धाम, आस्था पैलेस, द्वारकापुरी की है।
द्वारकापुरी पुलिस के मुताबिक, मृतक 35 वर्षीय राजेश पवार है। उसके पिता नारायण पवार ने बताया कि राजेश की शादी 2010 में मालवीय नगर की कंचन बंजारा (30) से हुई थी। दोनों का एक बेटा (8) है। दोनों ने मेरे बड़े भाई के बेटे से एक बेटी (2) भी गोद ले रखी है। बहू कंचन लंबे समय से बेटे को ससुराल में ही रहने के लिए दबाव बना रही थी। इसे लेकर आए दिन विवाद होता था। कुछ दिन पहले वह मायके चली गई थी। 11 अक्टूबर को वह बच्ची को लेने के बहाने 4 व्यक्ति और 6 महिलाएं लेकर घर आई और खूब विवाद किया।
भाई का आरोप: भाभी फोन पर करती थी परेशान
मृतक राजेश के छोटे भाई दिनेश ने बताया कि राजेश मिस्त्री का काम करता था। उसने खरगोन में ठेका लिया था, इसलिए एक अन्य कर्मचारी के साथ वो वहां जाने वाला था। सुबह 8 बजे हम लोग काम पर चले गए। पिता और मैं दोपहर 3 बजे घर आए तो राजेश को आवाज लगाई तो उसने दरवाजा नहीं खोला। पीछे वाले कमरे में जाकर देखा तो वह साड़ी के फंदे पर लटका हुआ था। मैंने चाकू से साड़ी काटकर राजेश को नीचे उतारा और जिला अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। 11 अक्टूबर को हुए विवाद के बाद से ही भाभी उसे बार-बार कॉल कर परेशान कर रही थी।
दूसरी प|ी ने किसी और से शादी की तो पेड़ पर लटक गया
आजाद नगर थाना क्षेत्र के शिव नगर में 45 साल के घनश्याम बड़ोले ने आंगन में नीम के पेड़ पर फांसी लगा ली। परिजनों ने बताया कि इसकी दो प|ियां थीं। दूसरी प|ी ने किसी और से शादी कर ली, जिससे वह तनाव में रहता था। संभवत: इसी के चलते उसने फांसी लगा ली।
परिवार गरबा देखने गया था, लोडिंग चालक ने कर ली आत्महत्या
आजाद नगर थाना क्षेत्र के कमल नगर में 45 वर्षीय सीताराम नरमरे ने फांसी लगा ली। वह लोडिंग गाड़ी चलाता था। शराब पीने का आदी था। परिवार के लोग गरबा देखने गए थे। मां लौटी तो बेटे ने दरवाजा नहीं खोला। उन्होंने पड़ोसियों को बुलाकर दरवाजा तुड़वाया तो देखा सीताराम फंदे पर टंगा हुआ था।
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