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04/01/2019

देश के 6 एम्स में गड़बडिय़ों की खुली पोल, कई मामलों की रिपोर्ट तलब

Kanharam Mundiyar | Publish: Jan, 06 2019, 04:21:39 PM (IST) | Updated: Jan, 06 2019, 04:27:15 PM (IST)Jodhpur, Jodhpur, Rajasthan, India

- पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने ड्राफ्ट में उठाए कई सवाल, गिनाईं कमियां

- स्थापना के 6 साल बाद भी छहों एम्स में विकसित नहीं हो पाई सुपर स्पेशिएलिटी सुविधाएं

के. आर . मुण्डियार

जोधपुर.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने दिल्ली एम्स को छोड़ देश के सभी छह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) में अपनाई जा रही तकनीक व व्यवस्थाओं में कई कमियां पाई हैं। कमेटी ने पिछले साल अलग-अलग समय में जोधपुर, भोपाल, ऋषिकेश, पटना, रायपुर और भुवनेश्वर एम्स का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद कमेटी ने इन सभी एम्स की वास्तविक स्थिति पर 158 पेज का ड्राफ्ट तैयार किया।

कमेटी के अध्यक्ष प्रो. रामगोपाल यादव ने 2८ दिसम्बर को राज्यसभा व लोकसभा में ६ एम्स की वास्तविक स्थिति का ड्राफ्ट पेश किया। कमेटी की रिपोर्ट संख्या १११ के अनुसार सभी एम्स में कई कमियां पाई गई। कमेटी ने जोधपुर एम्स के निरीक्षण के दौरान मिली कई कमियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कमेटी की रिपोर्ट में जोधपुर एम्स में पैकेज-2 के निर्माण कार्यों में कैग रिपोर्ट की पालना नहीं करने, कई निर्माण कार्य मूल ड्राइंग व डिजाइन के विपरीत करवाने, सिंगल निविदा से 32 प्रकार के उपकरणों की खरीद को गंभीर माना है। साथ ही पैकेज-2 व पैकेज-4 की मूल लागत राशि के आंकलन पर भी सवाल खड़ा करते हुए रिपोर्ट तलब करने की सिफारिश की है। इसके अलावा समिति ने एम्स में गवर्निंग बॉडी की नियमित बैठकें नहीं होने को भी गंभीर माना और बैठकें नियमित करने के सुझाव दिए।
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जोधपुर एम्स में यह पाई कमियां, सुझाव भी दिए-
- समिति ने एनेस्थिसिया वर्क स्टेशन विद वेंटीलेटर के इंस्टालेशन में देरी व उपकरणों की खरीद में भी एकल निविदा प्रक्रिया को गलत माना। चिकित्सा उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में उपकरण की उपयोगिता का अलग से विश्लेषण नहीं करने को उचित नहीं माना। समिति ने एकल बोलीदाता के मालिकाना प्रमाण पत्र आदि मामलों की जांच व विश्लेषण की सिफारिश करते हुए तीन माह के भीतर रिपोर्ट तलब की है।

- विभिन्न चरण पर निर्माण कार्य में देरी के चलते द्वितीय मंंजिल से छठी मंजिल ओटी स्थानांतरण कर निर्माण भी मूल ड्राइंग के अनुसार नहीं किए जाने को दोषपूर्ण माना। समिति ने पैकेज-2 का कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश के साथ ओटी शुरू करने में हुई देरी पर एम्स से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
- समिति ने एम्स के पैकेज-2 के निर्माण कार्यों में सीएजी (कैग) रिपोर्ट की शर्तों की पालना नहीं होने को गंभीर माना है। निर्माण में खराब कारीगरी के बावजूद भुगतान कर देने, संविदा भुगतान, पैकेज-1 के 9 करोड व पैकेज-2 के 18 करोड़ की लागत को लेकर भी सवाल उठाए हंै। समिति ने सभी पैकेजों के निर्माण कार्यों की लागत के आंकलन पर स्पष्टीकरण मांगा है।

-एम्स के ट्रोमा ओटी परिसर में मेडिकल गैस पाइप लाइन नहीं है और सिलेंडर का उपयोग करके गैस की आपूर्ति की जाती है। समिति ने ओटी में नवीनतम उपकरणों के साथ गैस पाइप लाइन लगाने की सिफारिश की।
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रिक्त पदों को भरने व सुविधाएं बढ़ाने की सिफारिश
समिति ने जोधपुर एम्स में फैकल्टी के 305 स्वीकृत पदों में से 160 व गैर फैकल्टी के 2059 रिक्त पद को लेकर चिन्ता जताई। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में समयबद्ध तरीके से रिक्त पदों को भरने में तेजी लाने, एम्स में उन्नत कार्डियक सेंटर, न्यूरोसाइंस सेंटर, एडवांस्ड आई सेंटर, सेंटर फॉर ऑन्कोलॉजी, आरक्षित ब्लॉक और ऑर्गन ट्रांसप्लांट सर्विस सेंटर की स्थापना करने, एमआरआइ की सुविधा बढ़ाकर प्रतीक्षा सूची कम करने की सिफारिश की है। दिल्ली एम्स का 50 प्रतिशत ओपीडी जोधपुर एम्स में होने के कारण यहां मानव संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, पब्लिक हैल्थ सेवा का विस्तार करने व भर्ती मरीजों के परिजन आदि के लिए धर्मशाला आदि सुविधाएं बढ़ाने के सुझाव दिए हैं।

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सभी 6 एम्स में पाई एक समान कमियां

-सभी नए एम्स में निर्माण कार्य में ठेका एजेंसियों की ओर से कुछ कार्य डिजाइन के अनुसार नहीं किए गए और निर्माण कार्य में देरी भी हुई।
-मेडिकल उपकरणों की खरीद भी सही नहीं और उनका इंस्टालेशन नियमानुसार नहीं किया गया।

-फैकल्टी व नॉन फैकल्टी में स्टाफ की कमी।
-काम में लिए जा रहे ऑपरेशन थियेटर्स (ओटी) के अनुसार वार्ड, बैड, डायलिसिस व इमरजेंसी सुविधाओं की कमी।

-सभी छह एम्स में सुपर स्पेशिएलिटी/स्पेशिएलिटी का संचालन नहीं।
-एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी और प्रभावी निगरानी तंत्र का अभाव।

-सभी एम्स में आयुष सुविधाओं का अभाव।

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