प्रेमिका के हाथों झुलसे युवक ने तोड़ा दम, जाम प्रदर्शन
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प्रेमिका के हाथों झुलसे युवक ने तोड़ा दम, जाम प्रदर्शन
- 22 दिन बाद अस्पताल में भर्ती प्रेमी की हुई मौत
- प्रेमिका और उसकी मां की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन, हंगामा
लखनऊ। निज संवाददाता
हसनगंज के पुरानी बांसमण्डी में प्रेमिका और उसकी मां ने अरविंद निषाद (25)पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। आग से झुलसे युवक का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा था। शनिवार को उसकी मौत हो गई। इस मामले में मुकदमा होने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे नाराज घर वालों ने उसका शव पक्के पुल पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी प्रेमिका और उसकी मां की गिरफ्तारी की मांग की।
हसनगंज के पक्कापुल पुरानी बांस मंडी निवासी अरविंद निषाद का मोहल्ले की ही एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। अरविंद उससे शादी करना चाहता था। इसी बात को लेकर 20 अप्रैल को युवती और उसकी मां अरविंद के घर पहुंची। तीनों लोग बैठकर बातचीत कर ही रहे थे कि अरविंद के कमरे से चीखने की आवाज सुनाई दी। परिवार के लोग दौड़कर ऊपर पहुंचे तो देखा कि अरविंद लपटों से घिरा था। परिवारीजनों ने आग बुझाने के बाद उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया।
गुस्साएं घरवालों ने पक्का पुल किया जाम
अरविंद की शनिवार सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। हजरतगंज पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद घर वालों ने अरविंद के शव को पक्का पुल के पास रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन लोगों ने प्रेमिका और उसकी मां की गिरफ्तारी की मांग शुरू कर दी। इसके बाद ही उन लोगों ने हसनगंज पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। प्रदर्शन से सीतापुर रोड पूरी तरह से जाम हो गया। सूचना मिलते ही कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची। कई घंटे मानमुनव्वल के बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए। इसके बाद सड़क जाम खुलवाया गया।
हसनगंज पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप
अरविंद की मां नीलम निषाद का आरोप है कि आरोपी मां अपनी बेटी की आड़ में अब तक अरविंद से काफी रुपया ऐंठ चुकी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि वारदात के करीब सात दिन बाद पुलिस ने 27 अप्रैल को काफी मशक्कत के बाद मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि अस्पताल में भर्ती अरविंद ने पुलिस को अपना बयान दिया था। लेकिन पुलिस ने लापरवाही दिखाते हुए आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।