दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एसीपी ने 10वीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी की-Navbharat Times

दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एसीपी ने 10वीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी की

दिल्ली पुलिस मुख्यालय की 10वीं मंजिल से कूदकर एक पुलिस अधिकारी ने खुदकुशी कर ली है। एसीपी रैंक के इस मृत अधिकारी का नाम प्रेम बल्लभ है। अधिकारी की खुदकुशी के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।

सांध्य टाइम्स | Updated:Nov 29, 2018, 12:41PM IST

TimesPoints

अभिषेक रावत, नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस हेडक्वॉर्टर की दसवीं मंजिल से रहस्यमय हालात में गिरने से एसीपी स्तर के पुलिस अधिकारी की मौत हो गई। प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या का मामला बताया जा रहा है।

पुलिस पीआरओ अनिल मित्तल ने सुबह सान्ध्य टाइम्स को बताया कि अभी तक की जांच में पता चला है कि उनका डिप्रेशन का इलाज चल रहा था। वह लगभग 28 दिन जीटीबी अस्पताल में भर्ती भी रहे थे। उनका नाम प्रेम वल्लभ था। उम्र 55 साल थी। वह दिल्ली पुलिस के क्राइम ऐंड ट्रैफिक सेक्शन में तैनात थे। जांच की जा रही है कि खुदकुशी की क्या वजह है? मौके से कोई स्यूसाइड नोट नहीं मिला है।


पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रेम वल्लभ का ऑफिस पीएचक्यू की दसवीं मंजिल पर था। सुबह 10 बजे वह ऑफिस आए और कुछ देर बाद ऑफिस की खिड़की से अचानक नीचे कूद गए। ऑफिस में मौजूद उनका स्टाफ एकाएक कुछ समझ नहीं पाया। उधर पीएचक्यू के मेन गेट से जो गैलरी पार्किंग की ओर जा रही है, वहां बल्लभ गिरे और उनकी मौत हो गई। सुबह हर कोई ऑफिस पहुंच रहा था तो पार्किंग की ओर बड़ी संख्या में लोग थे। शव देख सब अवाक रह गए। मामले की जानकारी पीसीआर को दी गई। आईपी एस्टेट थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई।
पुलिस के अनुसार, प्रेम बल्लभ मिनिस्टीरियल कैडर में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। 2016 में वह एसीपी रैंक पर प्रमोट हुए थे। स्पेशल सीपी आर्म्ड पुलिस के ऑफिस में पीए के तौर पर भी रह चुके हैं। पुलिस का कहना है कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने खुदकुशी क्यों की, यह अभी जांच का विषय है। तनाव का कारण पारिवारिक है या विभागीय, इस विषय पर भी जांच की जा रही है।

खबरों के मुताबिक सुबह करीब साढ़े नौ बजे एसीपी दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे और करीब 10 बजे उन्होंने खुदकुशी कर ली थी। खुदकुशी करने वाले एसीपी का नाम प्रेम बल्लभ था और उनकी उम्र 55 साल थी। इस खुदकुशी पर पुलिस महकमा भी हैरान है।
  • दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एसीपी ने की खुदकुशी

In Videos: ACP ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय की 10वीं मंजिल से कूदकर किया सुसाइडपाइए दिल्ली समाचार(delhi News in Hindi)सबसे पहले नवभारत टाइम्स पर। नवभारत टाइम्स से हिंदी समाचार (Hindi News) अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करें Hindi News App और रहें हर खबर से अपडेट।
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Web Title delhi prem ballabh a 55 year old acp rank official died after he allegedly jumped off from the police headquarters building

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Bhagat S Adhikari

इस मौत की उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिये

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Chaudhary

दुखद

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NavRattan

डेल्ही पुलिस कर्मचारियो को भी एक सफ्ताह मे 40 घंटे की ही ड्यूटी लि जाए, उनको भी आरम क सात परिवार क संग समय बिताने का समय मिले. उनकी पे पर भी ध्यान दिया जये.पय स्केल बहुत कम है. पुलिस क सात सभी केडर रेवीव होने चाहिए. सिपाही हो या क्लर्क सभी को बहुत कम वेतन दिया जा रहा है. अधिकारी ऐसे ही जान क्यो देगा? अगर बीमार था तो आरम क्यो नही दिया गया?

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Bhartiya

एल.जी. साहेब, केजरीवाल को दफ़ा 302 लगाकर तुरन्त गिरफ़्तार कराओ ।

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Rohit

khudkhushi kyu Kari bhai

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Sanu Soni

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शालीमार बाग हत्या: लोग बोले, 'ऐसा खूनी खेल न पहले देखा, न सुना'

करीब दो दर्जन हमलावरों ने दिल्ली के शालीमार बाद इलाके में कोहराम मचाया और एक 23 साल के युवक को दौड़ा-दौड़ाकर खूनी खेल खेला। उसके साथ-साथ उस शख्स को भी मार डाला जो उसे बचाने के लिए आगे आया। लोगों ने कहा कि ऐसा खेल उन्होंने कभी नहीं दे देखा और न सुना।

नवभारत टाइम्स | Updated:Nov 29, 2018, 12:01PM IST
प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली
थाने के पास मंगलवार देर रात जो हुआ, ऐसा वहां के लोगों ने अब तक न देखा, न सुना। करीब दो दर्जन हमलावरों की भीड़ एक 23 साल के युवक को सरेआम दौड़ा-दौड़ाकर चाकुओं से गोद रही है, ‘बचा लो, बचा लो’ की आवाज लगाता युवक बचने के लिए टूर ऐंड ट्रैवल के एक ऑफिस में घुस जाता है। वहां भी हमलावर पहुंच जाते हैं, वहां टिकट बुक करा रहा एक अन्य शख्स युवक को बचाने की कोशिश करता है तो हमलावर उसे भी चाकुओं से गोद डालते हैं।

पढ़ें: भीड़ ने कैसे युवक को चाकुओं से गोद डाला +

दोनों घायलों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाती हैं। यह किसी फिल्म का सीन नहीं है बल्कि शालीमार बाग पुलिस स्टेशन से महज 50 कदम की दूरी पर हुई एक सच्ची और दिल दहला देने वाली घटना है। रोडरेज के मामूली विवाद से शुरू होकर यह कहानी दो जिंदगियां लेकर खत्म होती है। पुलिस से बेखौफ 24-25 लड़कों की टोली ने एक के बाद एक इलाके में कोहराम मचा दिया। जिस वक्त तनिष्क जान बचाने के लिए चिल्लाते हुए भाग रहे थे और पीछे हमलावरों की टोली दौड़ रही थी, लोग तमाशबीन बने रहे लेकिन किसी ने हिम्मत नहीं जुटाई। इस वारदात से लोगों में गुस्सा है। अब थाने के पास भी क्राइम करने से नहीं चूक रहे।

मंगलवार देर रात पुलिस अफसर ने इस घटना की वजह एक लड़की को लेकर बताया। बाद में छानबीन के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर मुख्य आरोपी निखिल व 9 अन्य युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अफसरों का कहना है कि रातभर हुई छापेमारी के बाद पुलिस ने 10 हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया। बाकी तलाश जारी है। यह विवाद सोमवार को स्कूटी टच होने पर हुआ था। पुलिस अफसरों के मुताबिक, तनिष्क के घर से लेकर घटना स्थल तक रास्ते में पड़ने वाले सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली है। उसके आधार पर आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
बुजुर्ग मां का सिर्फ तनिष्क ही था सहारा
तनिष्क की मौत से उसकी मां अब बेसहारा हो गई हैं। 65 वर्षीय मां सुनीता क्वात्रा रो-रोकर बुरा हाल है। तनिष्क ने डीयू से ग्रैजुएशन करने के बाद कनॉट प्लेस में प्राइवेट जॉब कर रहे थे। रिश्तेदारों की मानें तो तनिष्क के पिता प्रकाश क्वात्रा की बीमारी के बाद मौत हो गई थी। इधर पति की मौत के बाद सुनीता भी दिल की मरीज हो गईं। उनका इकलौता सहारा तनिष्क ही था। तनिष्क जब एक साल का था, तभी गोद ले लिया था। 23 साल की उम्र होने पर भी उसे पता नहीं चला कि वह गोद लिया हुआ है।
'टिकट कराने गए पवन को क्यों मार डाला?'
पवन का क्या कसूर था। उसने तो सिर्फ बीच-बचाव किया था। जालिमों ने उसे भी चाकू घोंपकर मार डाला। यह कहना है पवन के परिजनों का। रो-रोकर बुरा हाल है। पवन के पिता बीमार रहते हैं। पवन आईजीआई एयरपोर्ट पर एक मॉल में जॉब करते थे। पिछले कुछ दिनों से उनके जीजा व बहन वाराणासी से आई हुए थे। मंगलवार को उनके लिए पवन टूअर ऐंड ट्रैवल की शॉप पर टिकट कराने गए थे। पवन के परिवार में पिता लालजी गुप्ता, भाई शिवम गुप्ता व चार बहनें हैं। दो बहनों की शादी हो गई है।
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Web Title people said no such bloody game seen before not heard

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बिना वेरिफिकेशन वाले नौकर ने 92 साल के बुजुर्ग का गला रेता

92 साल के बुजुर्ग की देखरेख के लिए जिस नौकर को रखा गया था उसी ने गला रेतकर उनकी हत्या कर दी। बहू बाहर गई हुई थीं और उसने दो साथियों को बुलाकर साथ में वारदात तो अंजाम दिया। बहू लौटीं तो उनकी हत्या की भी कोशिश की गई।

राजेश सरोहा, नवभारत टाइम्स | Updated:Nov 29, 2018, 10:28AM IST
प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली
परिवार के लोगों ने जिस नौकर को बुजुर्ग की देखभाल के लिए रखा था, उसी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर बुजुर्ग की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी। गला काटने से पहले आरोपियों ने बुजुर्ग का मुंह तकिए से दबा दिया था। इतना ही नहीं आरोपियों ने बुजुर्ग की बहू को बहाने से कमरे के अंदर बुलाकर तार से गला घोंटकर जान से मारने की कोशिश की। ऐन वक्त पर महिला का बेटा वहां पहुंच गया। इस वजह से उनकी जान बच गई। नौकर अपने दोनों साथियों के साथ मौके से फरार हो गया।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बुजुर्ग के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। मृतक की पहचान चंद्रभान (92) के रूप में हुई। वहीं उनकी बहू सरोज (54) को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मर्डर सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। वारदात साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के बदरपुर इलाके की है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सुरेंद्र कुमार परिवार के साथ मोलडबंद एक्सटेंशन अग्रवाल मार्केट में रहते हैं। परिवार में उनके बुजुर्ग पिता चंद्रभान के अलावा पत्नी सरोज, बेटा कपिल और दो पोते हैं। उनके बेटे का कंस्ट्रक्शन का बिजनस है। उनके बुजुर्ग पिता बीमार रहते थे। परिवार के लोगों ने एक महीना पहले अपने पुराने नौकर विजय के कहने पर पिता की देखभाल के लिए हुकुम नामक नौकर को रखा था। वह दिन-रात उनके बुजुर्ग पिता की देखभाल करता था। बुधवार सुबह उनकी पत्नी सरोज अपने पोते को स्कूल कैब में बैठाने के बाद जब लौटी तो दरवाजा बंद मिला। दरवाजा खटखटाने पर उनके नौकर ने दरवाजा खोला। वह बोला कि पता नहीं बाबा जी को क्या हो गया है जल्दी चलो।
सरोज जैसे ही बुजुर्ग के कमरे के अंदर गईं, वहां का नजारा देखकर उनके पैरों तले से जमीन निकल गई। उनके ससुर बिस्तर पर खून से लथपथ हालत में पकड़े हुए थे। उनका पूरा शरीर अकड़ा हुआ था। इससे पहले कि वह कुछ समझ पातीं, नौकर और उनके दो अन्य साथियों ने सरोज को धक्का देकर फर्श पर गिरा गया। इसके बाद तीनों उनके ऊपर टूट पड़े। तीनों ने मिलकर महिला को जकड़ लिया। इसके बाद वायर से महिला का गला घोंटकर उनकी हत्या करने की कोशिश की।

न जाने कैसे महिला की चीख- पुकार उनके बेटे कपिल के कानों तक पहुंच गई। वह दौड़कर नीचे पहुंचे तो उनका नौकर और उसके दो साथी उनको मारने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने तीनों को जोर से धक्का देते हुए शोर मचा दिया। पकड़े जाने के डर से तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए। घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में तीनों नौकर भागते हुए कैद हो गए। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बुजुर्ग के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया, जबकि सरोज को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

पुलिस ने परिवारवालों के बयान के आधार पर हत्या सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। पूछताछ में पता चला कि पीड़ितों ने नौकर की आईडी और फोटो अपने पास रखी हुई थी, लेकिन उसका पुलिस से वेरिफिकेशन नहीं कराया था।
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Web Title servant killed elderly in badarpur area of delhi

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'नौकर पूरे परिवार को मार, बड़ी लूट को देना चाहता था अंजाम'

मोटा हाथ मारने के लिए नौकर ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर बुजुर्ग के पूरे परिवार को खत्म करने की प्लानिंग बनाई थी। नौकर को पता था कि उनका पोता ...

नवभारत टाइम्स | Updated:Nov 29, 2018, 08:00AM IST

Rajesh.Saroha@timesgroup.com

बदरपुर : मोटा हाथ मारने के लिए नौकर ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर बुजुर्ग के पूरे परिवार को खत्म करने की प्लानिंग बनाई थी। नौकर को पता था कि उनका पोता बिजनेस के सिलसिले में 10 दिन के लिए दिल्ली से बाहर गया हुआ है। इसलिए उन्होंने मंगलवार देर रात खूनी खेल खेलने की प्लानिंग बना रखी थी। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि उनके मंसूबों से ऐसा लग रहा था कि सबसे पहले उन्होंने बुजुर्ग की हत्या की। इसके बाद पहली मंजिल पर जाकर बुजुर्ग के बेटे, उनकी पत्नी और बहु का काम तमाम करने वाले थे, लेकिन देर रात बुजुर्ग का पोता घर वापस लौट आया था। इस वजह से आरोपियों की प्लानिंग पर पानी फिर गया। पीड़ित परिवार का कहना है कि वारदात के पीछे मुख्य वजह रॉबरी था, लेकिन आरोपियों को खाली हाथ वहां से भागना पड़ा।

पीड़ित सुरेंद्र कुमार ने बताया कि जिस नौकर को उन्होंने अपने बुजुर्ग पिता की देखभाल के लिए रखा था, वही उनकी हत्या कर देगा, उन्होंने सपने में भी ऐसा नहीं सोचा था। नौकर देखने में इतना भोला लगता है कि वह इतनी भयानक वारदात को अंजाम देगा। उन्हें इसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था। यह तो तब है, जबकि उन्होंने उसे अपने पुराने भरोसेमंद नौकर के जरिए रखा था। उनका पुराना नौकर विजय मूलरूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला है। वारदात में शामिल उनका नौकर भी मध्य प्रदेश का रहने वाला है। सुरेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपियों ने जिस तरह से उनके बुजुर्ग पिता की हत्या करने के बाद उनकी पत्नी सरोज की हत्या करनी चाही, उससे साफ जाहिर होता है कि इसके बाद वे खूनी खेल खेलने के लिए पहली मंजिल पर आकर उन्हें और बाकी लोगों को अपना निशाना बनाते। ऊपर वाले का शुक्र है कि उनका बेटा कपिल मंगलवार रात ही घर वापस लौट आया था।

उन्होंने बताया कि नीचे बनी दुकानों के ठीक पीछे दो कमरे बने हुए है। उनमें से एक कमरे में उनके बुजुर्ग बीमार पिता रहते थे, जबकि दूसरा कमरा उनके नौकर के लिए था। अंदर से ही पहली मंजिल पर जाने के लिए जीना बना हुआ है। आरोपियों ने देर रात ही उनके पिता की हत्या कर दी थी। उनका पूरा शरीर अकड़ा हुआ था। हत्या करने के बाद तीनों उनके कमरे में ही मौजूद रहे। आरोपी आगे की वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग बना रहे थे। इस वारदात से पूरा परिवार गहरे सदमें में है।

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Web Title the servant wanted to kill the entire family give big spoils

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जेल वैन के अंदर कैदी पर सर्जिकल ब्लेड से हमला

कोर्ट में कैदी की पेशी के बाद जब जेल वापस ले जा जा रहा था उसी वक्त कैदियों के बीच झगड़ा हो गया। कैदी फैजान पर 2 और कैदियों ने सर्जिकल ब्लेड से हमला कर दिया।

नवभारत टाइम्स | Updated:Nov 29, 2018, 01:08AM IST
सांकेतिक चित्र
नई दिल्ली
कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस वैन से मंडोली जेल वापस लौट रहे कैदियों के बीच झगड़ा हो गया। आरोप है कि तीन अंडर ट्रायल कैदियों ने दूसरे कैदी पर सर्जिकल ब्लेड से हमला कर दिया। वैन में मौजूद पुलिसकर्मियों ने मिर्ची पाउडर के स्प्रे का इस्तेमाल कर कैदियों को अलग-अलग किया। जख्मी हालत में कैदी फैजान (22) को इलाज के लिए हेडगेवार हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने फैजान की शिकायत पर शिवम, तोहसीन मलिक और सोनू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामला आनंद विहार इलाके का है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार फैजान परिवार के साथ पुराना मुस्तफाबाद में रहता है। इसी साल उस्मानपुर इलाके में चोरी के मामले में वह मंडोली जेल के बैरक नंबर 11 में बंद है। मंगलवार को जेल से पुलिस वैन में कैदियों को कड़कड़डूमा कोर्ट में पेशी पर लाया गया था। वैन में फैजान, शिवम, तोहसीन मलिक, सोनू समेत अन्य कैदी मौजूद थे। कोर्ट में पेशी के बाद कैदी पुलिस वैन में बैठकर वापस मंडोली जेल लौट रहे थे।

कैदी फैजान के अनुसार वैन जब आनंद विहार इलाके में पहुंची तो शिवम ने कहा कि आज पुलिस ने मेरा पैसा बरामद कर लिया है। अब मैं तुम लोगों को जिंदा नहीं छोडूंगा। शिवम के साथ सोनू और तोहसीन ने सर्जिकल ब्लैड से फैजान पर हमला कर दिया। ब्लेड लगने से फैजान घायल हो गया। आरोप है कि तीनों ने वैन के अंदर मौजूद अन्य कैदियों पर भी हमला किया। कैदियों को अलग-अलग करने के लिए पुलिस ने मिर्ची पाउडर के स्प्रे का इस्तेमाल किया।इसके बाद कैदियों को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद कैदियों को वापस जेल भेज दिया गया।
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Web Title injured inside the prison van attacked with surgical blade

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