अंवैध संबंधों में बाधक प्रधानाध्यापक को टुकड़े-टुकड़े कर जलाया
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अंवैध संबंधों में बाधक प्रधानाध्यापक को टुकड़े-टुकड़े कर जलाया
जागरण संवाददाता, इटावा : बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक ने शिक्षामित्र से अवैध संबंधों के चलते उसके प्रधानाध्यापक पति को दोस्त की मदद से मार डाला। फावड़े से शव के टुकड़े करके कमरे में खोदे गए चार फीट गहरे गढ्डे में डालकर जलाने के बाद मिंट्टी पाट दी। इस हत्या की स्क्रिप्ट शिक्षामित्र पत्नी ने प्रेमी और उसके दोस्त के साथ मिलकर लिखी और फिर तीनों दुनिया की नजरों में धूल झोंकते रहे। घटना के 18वें दिन मोबाइल की कॉल डिटेल के जरिए पुलिस ने घटना का पर्दाफाश कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। शिक्षक के इस वीभत्स हत्याकांड को चौबिया थाना क्षेत्र के कुसैली गांव में अंजाम दिया गया था। उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केशोपुर राहिन में प्रधानाध्यापक माखनपुर चौबिया निवासी सुनील कुमार बंजारा 30 मई से गायब थे। उस दिन उन्हें सुखवीर सिंह यादव उर्फ अलकेश सुनियोजित तरीके से अपने गांव कुसैली स्थित उस घर में ले गया था जो पूरी तरह बंद रहता था। इधर थाने पर 8 जून को गुमशुदगी की सूचना दिए जाने पर एसएसपी संतोष कुमार मिश्रा ने शिक्षक की तलाश में एएसपी ग्रामीण, एएसपी अपराध तथा सीओ सैफई के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच व थाना चौबिया से दो टीमों बनाई थीं। टीम ने सुरागरसी और साक्ष्य जुटाने के बाद सुनील की शिक्षामित्र पत्नी रेखा, उसके प्रेमी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ऊमरसेड़ा भरथना में शिक्षक सुखवीर सिंह यादव और उसके दोस्त रामप्रकाश यादव निवासी बंजाराहार थाना एरवाकटरा औरैया को गिरफ्तार किया। उनकी निशानदेही पर सुनील के शव के अवशेष सुखवीर के घर से बरामद किए गए।
सुखवीर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि सुनील से मित्रता के चलते उसके घर प्राय: आता-जाता था। इसी दौरान रेखा से उसके अवैध संबंध हो गए। सुनील के बाधक बनने पर उसकी हत्या कराने के लिए रामप्रकाश यादव को 10 हजार रुपये दिए थे लेकिन तब उसे नहीं मार सके थे। इधर 30 मई को सुखवीर सुनील को अपने गांव कुसैली स्थित घर ले गया। वहां रात मे कमरे में सुला दिया। इसके बाद सिर पर फावड़ा मारकर हत्या कर दी। शव को कई हिस्सों में काटकर कमरे में गड्ढा खोदकर उसमें डालने के बाद मिट्टी के तेल से जला दिया और गढ्डा बंद कर दिया। उन्होंने सुनील की कार को कानपुर सेंट्रल स्टेशन की पार्किंग में खड़ी करा दी और अज्ञात फोन नंबर से कॉल करके सुनील के परिवारीजन को गाड़ी के बारे में सूचना दी थी।
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Posted By: Jagran