रेलवे ठेकेदार की हत्या में पहली पत्नी व प्रेमी सहित तीन पर केस दर्ज - Fir On First Wife And Her Lover In Murder Of Contractor - Lucknow News


27/06/2022
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रेलवे ठेकेदार की हत्या में पहली पत्नी व प्रेमी सहित तीन पर केस दर्ज

लखनऊ ब्यूरो
Updated Mon, 27 Jun 2022 01:51 AM IST
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लखनऊ। रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर (42) की शनिवार को की गई हत्या के मामले में पुलिस ने दूसरी पत्नी खुशबुन तारा की तहरीर पर पहली पत्नी प्रियंका, उसके प्रेमी बिट्टू जायसवाल व रेलवे ठेकेदार फिरदौस के अलावा चार शूटरों पर हत्या का केस दर्ज किया है। पुलिस की तीन टीमें बिहार, शाहजहांपुर व लखनऊ में दबिश दे रही हैं। पहली पत्नी प्रियंका अपने बिहार स्थित घर से फरार हो गई। पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। वहीं वीरेंद्र के मोबाइल की कॉल डिटेल से भी कई साक्ष्य पुलिस के हाथ लगे हैं। पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं फरार सुरक्षा गार्डों के बारे में भी सुराग मिल गया है। उनकी तलाश तेज हो गई है।
कैंट के निलमथा इलाके में शनिवार को दिनदहाड़े रेलवे ठेकेदार व बिहार के शिकारपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी के मुताबिक, वीरेंद्र ठाकुर की दूसरी पत्नी खुशबुन तारा ने शनिवार देर रात तहरीर दी जिसमें वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका, उसके प्रेमी बिट्टू जायसवाल और रेलवे ठेकेदार फिरदौस को नामजद आरोपी बनाया गया है। इसकेअलावा चार अज्ञात शूटरों पर भी केस दर्ज कराया है।
पुलिस के मुताबिक, प्रियंका और बिट्टू जायसवाल नरकटियागंज के रहने वाले हैं। वहीं फिरदौस खजुरिया बरवा का रहने वाला है। केस दर्ज होने के साथ ही पुलिस टीम बिहार के नरकटियागंज के लिए रवाना हो गई। वहां रविवार को प्रियंका के घर पर दबिश दी गई लेकिन वह नहीं मिली। बिट्टू का भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। पुलिस के मुताबिक, फिरदौस की वीरेंद्र ठाकुर से पुरानी रंजिश थी। उसने रेलवे ठेके को लेकर 2019 में भी हमला कराया था। उसकी तलाश की जा रही है। लखनऊ में जीआरपी व गुडंबा थाने में उसके खिलाफ चार-पांच केस दर्ज हैं।
2014 में हत्या के बाद शुरू हुई वर्चस्व की जंग
बिहार के नरकटियागंज में वर्ष 2014 में शम्भूराम की वर्चस्व में हत्या कर दी गई थी। इसमें वीरेंद्र को ही मुख्य आरोपित बनाया गया था। इस हत्या के बाद वीरेंद्र का दबदबा बढ़ गया था। उसे वहां सब गोरख ठाकुर नाम से जानते थे। इस घटना के बाद उसकी जब कई लोगों से रंजिश बढ़ी तो उसने लखनऊ में ठिकाना बना लिया था। फिर यहां रहकर वह बिहार और पश्चिम बंगाल के ठेके हथियाने लगा था। बेतिया में एक करोड़ 29 लाख रुपये के ठेके के विवाद में ही लखनऊ में उस पर फायरिंग की गई थी। इसमें एक महिला समेत पांच लोग जेल गए थे। इस हत्याकांड को भी पुलिस वीरेंद्र की हत्या से जोड़कर देख रही है। इसके आरोपितों से पूछताछ का प्रयास किया जा रहा है। इसमें एक आरोपी जेल में है, बाकी जमानत पर बाहर हैं।
पुलिस ने खंगाले 50 से अधिक फुटेज
पुलिस ने रविवार को वारदातस्थल के आसपास करीब 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। इन फुटेज में कई संदिग्ध दिखे हैं। इनके आधार पर ही पुलिस ने बदमाशों के आने और वारदात के बाद फरार होने का रूट चार्ट तैयार किया है। इन बदमाशों ने बिहार पुलिस की वर्दी और सेना की कैप पहनकर शनिवार दिनदहाड़े कैंट में पत्नी, दो बच्चों और तीन गार्ड को बंधक बनाकर कमरे में ठेकेदार वीरेंद्र को गोली मार दी थी। पुलिस के मुताबिक, वारदात करने के तरीके से साफ है कि हत्या में शामिल सभी शूटर बिहार से ताल्लुक रखते हैं। उनकी तलाश में पुलिस टीमें लगी हैं।
पहचान छिपाकर रहता था लखनऊ में
पुलिस के मुताबिक, बिहार में शंभूराम हत्याकांड में वीरेंद्र मुख्य आरोपित था और उसे जेल भी जाना पड़ा था। जमानत पर रिहा होने के बाद वह लखनऊ पहुंचा। उसने अपना नाम गोरख ठाकुर से बदलकर वीरेंद्र ठाकुर कर लिया। इसका भी खुलासा 2019 में हुआ, जब उस पर हमला किया गया। इस वारदात में मुख्य आरोपी शादाब अख्तर उर्फ फिरदौस, मिक्ताउल, माही और उसकी मां मिराज खातून थे। वारदात के खुलासे पर पता चला था कि उसका असली नाम गोरख ठाकुर है। बिहार में उसके खिलाफ करीब दो दर्जन मामले दर्ज हैं। वहां की पुलिस और विरोधियों से बचने के लिए नाम बदलकर लखनऊ में रह रहा था।
पांच पुलिस हिरासत में, पूछताछ जारी
पुलिस के मुताबिक, हत्याकांड के खुलासे के लिए पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ जारी है। वारदात के पीछे पारिवारिक और ठेकेदारी की रंजिश के बिंदु पर जांच आगे बढ़ाई गई है। वीरेंद्र के पुराने आपराधिक इतिहास का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। हालांकि, चर्चा तो यह भी है कि पुलिस ने पहली पत्नी प्रियंका को भी उठा लिया है जिससे पूछताछ की जा रही है। हिरासत में लिए गए ज्यादातर संदिग्ध कैंट इलाके में रहने वाले हैं। इसमें कुछ आसपास के दुकानदार भी हैं। वहीं पुलिस वीरेंद्र ठाकुर के खजांची की भी तलाश कर रही है जो लखनऊ, कोलकाता व बिहार में रुपयों का लेनदेन करता था। उसका भी वारदात के बाद से पता नहीं है।
पहली पत्नी ने दी थी धमकी
पुलिस के मुताबिक, वीरेंद्र ठाकुर की दूसरी पत्नी ने आरोप लगाया है कि उसकी पहली पत्नी प्रियंका ने 15 दिन पहले घर आकर धमकी दी थी क्योंकि प्रियंका उसके पति वीरेंद्र की संपत्ति व ठेकों पर कब्जा करना चाहती थी। प्रियंका के तीन बच्चों की देखभाल भी दूसरी पत्नी खुशबुन तारा ही करती थी। खुशबुन तारा के मुताबिक, धमकी देने के 15 दिन बाद ही वीरेंद्र की हत्या कर दी गई।
कई दिनों तक हुई रेकी, फिर वारदात
पुलिस के मुताबिक, जिस तरीके से वीरेंद्र अपनी पहचान छिपाकर निलमथा में रहता था। उस तक पहुंचना आसान नहीं था। इस हत्याकांड के पीछे किसी करीबी व्यक्ति ने जरूर मुखबिरी की है। वीरेंद्र के पते की जानकारी होने के बाद शूटरों ने कई दिन तक उसके घर की रेकी की। इसके बाद पूरी प्लानिंग के साथ हमला किया गया।
सुरक्षाकर्मियों के मोबाइल बंद, पुलिस पहुंची शाहजहांपुर
पुलिस के मुताबिक, वीरेंद्र ठाकुर ने जनवरी में निजी सुरक्षा ली थी। इसके लिए उसने अपने स्रोतों से शाहजहांपुर के सुरेंद्र यादव और तीन अन्य सुरक्षाकर्मियों को रखा था। लेकिन वारदात के समय मौजूद तीन सुरक्षाकर्मियों की हरकतों से वे भी संदेह के घेरे में आ गए हैं। वारदात के समय तीनों सुरक्षाकर्मियों ने अपने असलहे मेज के नीचे छिपा दिए थे। वहीं बदमाशों के जाने के बाद तत्काल अपना सारा सामान समेटकर यह कहते हुए निकल गए कि यहां हमारी जान को भी खतरा है। तब से सभी के मोबाइल भी बंद हैं। पुलिस सभी सुरक्षाकर्मियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। एक टीम शाहजहांपुर भी गई है।
वीरेंद्र से पहले बिट्टू से था प्रियंका का प्रेम संबंध
पुलिस के मुताबिक, वीरेंद्र ठाकुर, प्रियंका और बिट्टू जायसवाल तीनों नरकटियागंज के रहने वाले है। प्रियंका का बिट्टू से काफी पहले प्रेम संबंध था। जब वीरेंद्र का दबदबा इलाके में बढ़ गया तो उसकी नजर प्रियंका पर पड़ी। वीरेंद्र की दबंग छवि ने प्रियंका को आकर्षित कर दिया। वीरेंद्र 2008 में उसे भगा ले गया और फिर शादी कर ली। इसके बाद भी प्रियंका व बिट्टू के बीच का संबंध खत्म नहीं हुआ। जब 2021 में वीरेंद्र व प्रियंका अलग हुए तो बिट्टू ने तत्काल शादी का प्रस्ताव रख दिया। दोनों फिर एक साथ रहने लगे।