गंवाओ न यारा..क्योंकि जिंदगी न मिलेगी दोबारा
https://epaper.jagran.com/epaper/article-24-Jul-2019-edition-kanpur-page_5-8173-111-64.html
गंवाओ न यारा..क्योंकि जिंदगी न मिलेगी दोबारा
जिंदगी जीने के लिए है, गंवाने की नहीं। तनाव और समस्याएं जीवन का हिस्सा होती हैं जो क्षणिक हैं। इनसे घबरा या हार मानकर जिंदगी खत्म कर लेना समझदारी नहीं है बल्कि इनसे लड़कर आगे बढ़ना समझदारी है। दांपत्य जीवन में भी छोटे मोटे विवाद होते रहते हैं लेकिन, गुस्से में जिंदगी से दामन छुड़ा लेना इसका हल कतई नहीं है। अब इन दोनों घटनाओं को पढ़कर खुद सोचिए-महसूस करिए कि क्या यह समाधान हुआ समस्याओं का। नौबस्ता के योगेंद्र विहार में स्टूडियो संचालक ने पारिवारिक कलह में फांसी लगा ली तो घाटमपुर में आपसी विवाद के बाद पहले पति, उसके पीछे पत्नी कुएं में कूद गई। हम तो यही कहेंगे कि गंवाओ न यारा..क्योंकि जिदंगी न मिलेगी दोबारा।
संवाद सहयोगी, घाटमपुर : ससुराल सजेती के गांव कोटरा मकरंदपुर आए युवक ने देर रात पत्नी से हुए मामूली विवाद के बाद कुएं में छलांग लगा दी। यह देखकर पत्नी भी कुएं में जा कूदी। ग्रामीणों ने उन्हें निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दोनों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
गांव कोटरा मकरंदपुर निवासी राज बहादुर की 20 वर्षीय बेटी ऊषा देवी की शादी दो वर्ष पूर्व जालौन के थानाक्षेत्र कालपी के गांव शेरपुर गुढ़ा निवासी केशरी लाल के बेटे शैलेंद्र से हुई थी। कुछ दिन से ऊषा अपने मायके में ही थी। सोमवार को शैलेंद्र उसे लेने के लिए आया था। यहां किसी बात पर उसका पत्नी से झगड़ा हो गया। परिजन के मुताबिक सोमवार देर रात शैलेंद्र ने ससुराल में जमकर शराब पी और इसके बाद दरवाजे पर स्थित कुएं के पास पहुंचकर छलांग लगा दी। परिजन उसे बचाने की कोशिश में लगे थे कि तभी ऊषा भी दौड़ते हुए आई और कुएं में कूद गई। बेटी और दामाद को बचाने के लिए ग्रामीण जुट गए। कुछ ग्रामीण रस्सी के सहारे कुएं में उतरे और चारपाई डालकर दोनों को निकाला। रात पौने एक बजे एंबुलेंस से दंपती को सीएचसी ला गया। डॉक्टरों ने शैलेंद्र को एलएलआर (हैलट) व ऊषा को उर्सला अस्पताल रेफर कर दिया। सजेती थाना प्रभारी अमरेंद्र बहादुर ने बताया कि घटना के बाबत कोई सूचना या तहरीर नहीं आई है।
जासं, कानपुर दक्षिण : नौबस्ता योगेंद्र विहार नई बस्ती में 30 वर्षीय स्टूडियो संचालक रामप्रकाश साहू उर्फ बॉबी ने रिश्तेदारों को वाट्सएप पर फांसी का फंदा गले में डालकर फोटो भेजा और आत्महत्या कर ली। रिश्तेदारों की सूचना पर दूसरे मकान में रह रहे परिजन और पुलिस पहुंचे तो बॉबी का लटकता शव देखा। चार पन्ने का सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें बॉबी ने मौत के लिए खुद को जिम्मेदार ठहरा पारिवारिक कलह का जिक्र किया है।बॉबी योगेंद्र विहार में पत्नी अपर्णा उर्फ नीतू, बच्चे लाडो उर्फ एंजल, अभी उर्फ अथर्व के साथ रहते थे। हाल में ही उन्होंने यहां का मकान बेचा था। इसके कारण परिवार दूसरे मकान में रह रहा था। बॉबी योगेंद्र विहार में रहकर घर का सामान शिफ्ट करने के लिए रुक गए थे। मंगलवार को उन्होंने फांसी का फंदा गले में डाले हुए फोटो रिश्तेदारों को भेजी तो पुलिस के साथ परिजन तुरंत घर पहुंचे। तब तक देर हो चुकी थी। जंगला काटकर अंदर जाने पर बॉबी का शव कमरे में फंदे से लटका मिला। नौबस्ता थाना प्रभारी समर बहादुर के मुताबिक सुसाइड नोट में पत्नी से आपसी विवाद का जिक्र है। बॉबी ने मकान के बकाया ढाई लाख रुपये पंकज यादव से लेने का भी जिक्र किया है और लिखा कि यह रकम बच्चों को दी जाए।
’>>सजेती के कोटरा मकरंदपुर गांव में हुई घटना
’>>पत्नी को विदा कराने के लिए जालौन से आया था युवक
’>>सुसाइड नोट में किया पारिवारिक कलह का जिक्र
सुसाइड से पहले वाट्सएप पर यही भेजी थी फोटो ’ परिजन