बदनामी के डर से डॉक्टर ने की थी खुदकुशी, झूठे निकले नर्स के आरोप
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बदनामी के डर से डॉक्टर ने की थी खुदकुशी, झूठे निकले नर्स के आरोप
- Published By: Alpana Singh
- Published: 5/25/2020 3:17:58 PM
- Edited By: Alpana Singh
- Edited: 5/25/2020 3:18:48 PM
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सीधी। डॉक्टर शिवम मिश्रा की आत्महत्या के मामले में सालभर बाद कूटरचना और झूठे आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज करने के मामले में रविवार को तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आरएल वर्मा, स्टाफ नर्स अंजना मर्सकोले, एएच सिद्दीकी, कृष्ण कुमार पांडे के खिलाफ धारा 306, 120 बी के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।
गौरतलब है, बीते साल चुरहट में पदस्थ डॉक्टर शिवम मिश्रा ने स्टाफ नर्स की प्रताड़ना से तंग आकर सरकारी आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। नर्स उनपर छेड़खानी का आरोप लगाया था। डॉक्टर मिश्रा ने आरोप को गलत बताते हुए सीएमएचओ, पुलिस और अन्य तमाम अधिकारियों के यहां सफाई दी पर, किसी ने उनकी सुनी न भरोसा किया। तत्कालीन नगर निरीक्षक रामबाबू चौधरी ने शिवम मिश्रा के खिलाफ धारा 354, 323 एवं एससी, एसटी एक्ट की धारा के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया था। लिहाजा, बदनामी व कूट रचना से तंग डॉक्टर मिश्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी।
उसके बाद उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर सड़कों पर कैंडल मार्च निकाला गया था। लंबे इंतजार के बाद रिपोर्ट का खुलासा हुआ और डॉक्टर को न्याय मिल पाया है।जानकारी के मुताबिक सीधी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुरहट में पदस्थ चिकित्सक डॉक्टर शिवम मिश्रा द्वारा स्टाफ नर्स की प्रताड़ना से तंग थे। जिससे सीलिंग फैन पर फांसी लगाकर आत्महत्याकर ली थी। एक वर्ष से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की गई।
जिसके आधार पर चुरहट थाने में खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है। बताया गया है कि, सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डॉ. शिवम मिश्रा ड्यूटी के प्रति मुस्तैद थे। उनकी लापरवाह कर्मचारियों से नहीं बनती थी। चुरहट स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नर्स अंजना मर्सकोले विलंब से चिकित्सालय पहुंचती थीं, बिना सूचना के ही नदारद रहती थीं, जो डॉक्टर को नागवार गुजरता था। उन्होंने उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिखा था।
लिहाजा, स्टाफ नर्स ने डॉक्टर के खिलाफ साजिशन चुरहट थाना में छेड़खानी का आरोप लगाया गया। जिस पर तत्कालीन नगर निरीक्षक रामबाबू चौधरी द्वारा शिवम मिश्रा के खिलाफ धारा 354, 323 एवं एससी, एसटी एक्ट की धारा के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया था। डॉक्टर मिश्रा की मौत के बाद परिजनों ने जांच की मांग की थी। और मामला कोर्ट चला गया था। जांच रिपोर्ट में उपखंड अधिकारी चुरहट द्वारा चार लोगों को दोषी करार दिया गया है। जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया है।