अवैध संबंध का विरोध करने पर पति की हत्या करने वाली पत्नी, प्रेमी व उसके साथी को आजीवन कारावास
अवैध संबंध का विरोध करने पर पति की हत्या करने वाली प|ी, उसके प्रेमी व साथी को सरदारपुर न्यायालय के द्वितीय अपर सत्र...
Dainik Bhaskar
Nov 28, 2018, 05:15 AM IST
अवैध संबंध का विरोध करने पर पति की हत्या करने वाली प|ी, उसके प्रेमी व साथी को सरदारपुर न्यायालय के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश एमए खान ने मंगलवार को आजीवन कारावास व 10-10 हजार रु. के अर्थदंड की सजा सुनाई हैं।
अपर लोक अभियोजक कुंवर दिग्विजयसिंह राठौर ने बताया घटना 5 नवंबर 2012 की रात की है। धुलेट के कमल सिर्वी की आरोपियों ने हत्या कर दी थी। मृतक कमल के पिता शंकर ने राजगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मृतक कमल और उसकी प|ी संतोषबाई परिवार से अलग गांव में ही रहते थे। मृतक बेटे कमल की प|ी व बहू संतोषबाई के आरोपी विक्रम से अवैध संबंध थे। बहू संतोषबाई विक्रम के साथ दो-तीन बार भाग भी गई थी। इसी बात को लेकर पति-प|ी में विवाद भी होता था। परिवार ने भी संतोषबाई के अवैध संबंध का विरोध किया तो संतोषबाई ने अपने प्रेमी विक्रम व उसके साथी राजू के साथ मिलकर सरिये से मृतक कमल के साथ मारपीट कर हत्या कर दी। आरोपी संतोषबाई ने घटना लूट डकैती की होना बताते हुए घर का सामान बिखेर दिया था।
फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी विक्रम, राजू और संतोषबाई के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया था। न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर हत्या की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व दस-दस हजार रु. के अर्थदंड और धारा 201 में तीनों आरोपियों को तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास व दो-दो हजार रु.के अर्थदंड की सजा सुनाई हैं।
अपर लोक अभियोजक कुंवर दिग्विजयसिंह राठौर ने बताया घटना 5 नवंबर 2012 की रात की है। धुलेट के कमल सिर्वी की आरोपियों ने हत्या कर दी थी। मृतक कमल के पिता शंकर ने राजगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मृतक कमल और उसकी प|ी संतोषबाई परिवार से अलग गांव में ही रहते थे। मृतक बेटे कमल की प|ी व बहू संतोषबाई के आरोपी विक्रम से अवैध संबंध थे। बहू संतोषबाई विक्रम के साथ दो-तीन बार भाग भी गई थी। इसी बात को लेकर पति-प|ी में विवाद भी होता था। परिवार ने भी संतोषबाई के अवैध संबंध का विरोध किया तो संतोषबाई ने अपने प्रेमी विक्रम व उसके साथी राजू के साथ मिलकर सरिये से मृतक कमल के साथ मारपीट कर हत्या कर दी। आरोपी संतोषबाई ने घटना लूट डकैती की होना बताते हुए घर का सामान बिखेर दिया था।
फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी विक्रम, राजू और संतोषबाई के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया था। न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर हत्या की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व दस-दस हजार रु. के अर्थदंड और धारा 201 में तीनों आरोपियों को तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास व दो-दो हजार रु.के अर्थदंड की सजा सुनाई हैं।
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