41 माह बाद आई 14 पेज के सुसाइड नोट की जांच रिपोर्ट, पत्नी, सास व दो सालों के खिलाफ केस दर्ज
01/02/2019
41 माह बाद आई 14 पेज के सुसाइड नोट की जांच रिपोर्ट, पत्नी, सास व दो सालों के खिलाफ केस दर्ज
Dainik Bhaskar
Feb 01, 2019, 02:35 AM ISTKaithal News - गांव चंदाना में करंट लगकर हुई युवक विक्रम की मौत के मामले में पुलिस ने 41 महीने बाद मृतक की प|ी सहित चार के खिलाफ...
गांव चंदाना में करंट लगकर हुई युवक विक्रम की मौत के मामले में पुलिस ने 41 महीने बाद मृतक की प|ी सहित चार के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है। विक्रम ने आत्महत्या से पहले 14 पेज का सुसाइड नोट लिखा था। जिसमें प|ी, दो सालों व सास पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए। पुलिस ने सुसाइड नोट की लिखावट को जांचने के लिए मधुबन लैब भेजा था। जहां से अब रिपोर्ट आई कि सुसाइड नोट विक्रम ने ही लिखा था। तितरम थाना पुलिस ने मृतक के मामा जगबीर की शिकायत पर केस दर्ज किया है। 26 अगस्त 2015 को गांव चंदाना के विक्रम ने घर में ही बिजली की तार को हाथ लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने उस समय हादसे में मौत की कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था। बाद में विक्रम का लिखा 14 पेज का सुसाइड नोट मिला। हस्ताक्षर व लिखाई का मिलान करने के लिए पुलिस ने सुसाइड नोट को मधुबन लैब भेज दिया था। जिसे 41 महीने बाद रिपोर्ट आई कि लिखावट विक्रम की ही है। अब पुलिस ने विक्रम के मामा जींद जिला के गांव सेडा माजरा निवासी जगबीर सिंह की शिकायत पर केस दर्ज किया।
चारों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप
ये हैं आरोप
जगबीर का आरोप है कि उसके भांजे विक्रम की 2011 में कलायत निवासी सोनिया से शादी हुई थी। शादी के एक महीने बाद ही सोनिया, उसकी मां बिमला, साला सोनू व विक्की ने विक्रम को परेशान करना शुरू कर दिया। विक्रम को परिवार से अलग होने का दबाव बनाया व मारपीट की गई। परेशान होकर उसने खुद को करंट लगाकर आत्महत्या कर ली।
रिपोर्ट के बाद की है कार्रवाई
मुझे माफ करना घरवालों...
सुसाइड नोट पहला पन्ना | माता, पिता व बहन मुझे माफ करना। मैं आपका भाई, बेटा था पर मैं तुम लोगों को दुखी नहीं देखना चाहता इसलिए मैं अपने आपको मार रहा हूं। क्योंकि मेरी प|ी व मेरी सास ने जो काम आज किया है वो काम कोई भी किसी के साथ न करे। मेरे मरने का कारण मेरी सासू, प|ी व साले हैं। मुझे माफ करना घर वालों। आपका अपना बेटा विक्रम।
दूसरे पेज पर लिखा | मैं सबको नमस्कार करता हूं। मौत के बाद भी और पहले भी। जय धरती मां, जय भोले नाथ, जय बाबा साहेब। ना कोई खोट, ना कोई जुर्म फिर भी खुद का मार दिया। मेरे गांव वालो आपका अपना एक बेटा था विक्रम, माफ करना। सास ने इसे मारा था, सालों ने इसे मारा था, प|ी ने इसे मारा था। ये फिर भी उन्हें मानता था। उन्होंने इसकी जान ले ली। सभी लगाई के कानून हैं। आदमी की कोई इज्जत नहीं है। पति हो, देवर, ससुर हो, हर इंसान झूठ बोलकर फंसाया जाता है। ये लुगाई मुझे मारने वाली है। मेरी सास व बहु है। मुझे माफ करना, मेरे बच्चों मैं तुम्हें धोखा दे रहा हूं, रोज रो नहीं सकता पर हंस जरूर सकता हूं। इसका कारण तुम्हारी मां, नानी व मामे हैं। अंतिम पेज पर लिखा मेरा गांव चंदाना व मेरा नाम विक्रम है। मैं अपनी सास, बहु और सालों के कारण जान दे रहा हूं।
चारों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप
ये हैं आरोप
जगबीर का आरोप है कि उसके भांजे विक्रम की 2011 में कलायत निवासी सोनिया से शादी हुई थी। शादी के एक महीने बाद ही सोनिया, उसकी मां बिमला, साला सोनू व विक्की ने विक्रम को परेशान करना शुरू कर दिया। विक्रम को परिवार से अलग होने का दबाव बनाया व मारपीट की गई। परेशान होकर उसने खुद को करंट लगाकर आत्महत्या कर ली।
रिपोर्ट के बाद की है कार्रवाई
मुझे माफ करना घरवालों...
सुसाइड नोट पहला पन्ना | माता, पिता व बहन मुझे माफ करना। मैं आपका भाई, बेटा था पर मैं तुम लोगों को दुखी नहीं देखना चाहता इसलिए मैं अपने आपको मार रहा हूं। क्योंकि मेरी प|ी व मेरी सास ने जो काम आज किया है वो काम कोई भी किसी के साथ न करे। मेरे मरने का कारण मेरी सासू, प|ी व साले हैं। मुझे माफ करना घर वालों। आपका अपना बेटा विक्रम।
दूसरे पेज पर लिखा | मैं सबको नमस्कार करता हूं। मौत के बाद भी और पहले भी। जय धरती मां, जय भोले नाथ, जय बाबा साहेब। ना कोई खोट, ना कोई जुर्म फिर भी खुद का मार दिया। मेरे गांव वालो आपका अपना एक बेटा था विक्रम, माफ करना। सास ने इसे मारा था, सालों ने इसे मारा था, प|ी ने इसे मारा था। ये फिर भी उन्हें मानता था। उन्होंने इसकी जान ले ली। सभी लगाई के कानून हैं। आदमी की कोई इज्जत नहीं है। पति हो, देवर, ससुर हो, हर इंसान झूठ बोलकर फंसाया जाता है। ये लुगाई मुझे मारने वाली है। मेरी सास व बहु है। मुझे माफ करना, मेरे बच्चों मैं तुम्हें धोखा दे रहा हूं, रोज रो नहीं सकता पर हंस जरूर सकता हूं। इसका कारण तुम्हारी मां, नानी व मामे हैं। अंतिम पेज पर लिखा मेरा गांव चंदाना व मेरा नाम विक्रम है। मैं अपनी सास, बहु और सालों के कारण जान दे रहा हूं।
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