पति की हत्या में पत्नी समेत तीन को आजीवन कारावास
पति की हत्या में पत्नी समेत तीन को आजीवन कारावास
स्पेशल जज एससीएसटी एक्ट राम बाबू शर्मा ने एक फैसले में प्रेम-प्रसंग में बाधक बने पति की हत्या के मामले में आरोपित पत्नी व उसके प्रेमी समेत तीन आरोपितों को जुर्म साबित होने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जज ने इन आरोपितों पर एक लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार जनपद हापुड़ क्षेत्र की सुभाषनगर निवासी सुमन ने प्रेम-प्रसंग में बाधक बने अपने ही पति सूरज की हत्या कर दी। इस हत्या में उसका प्रेमी बिट्टू कुमार सिंह निवासी जनपद औरंगाबाद, बिहार के अलावा थाना अरबल क्षेत्र निवासी अजय यादव भी शामिल रहा। घटना के पूर्व सूरज अपनी पत्नी सुमन व बच्चों के साथ नोएडा में किराए के मकान में रहता था। जो सिलाई का काम करता था और रात में ड्यूटी करता था। वहीं उसकी पत्नी सुमन दिन में एक फैक्ट्री में काम करती थी। उसके साथ आरोपित बिट्टू भी काम करता था। इन दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग होने की जानकारी जब सूरज को मिली तो उसने एतराज जताया। जिसको लेकर हुई कहा-सुनी के बाद आरोपितों ने एक राय होकर सूरज की हत्या कर दी और उसके शव को एक खेत में डाल दिया। इस घटना की जानकारी थाना लोनार क्षेत्र के बरसोइया के चौकीदार जगदीश ने थाना पर 13 अक्टूबर 2012 को दी। बताया कि गांव के कृष्ण कु मार के खेत में एक शव पड़ा है। बाद में शव की शिनाख्त उसके भाइयों व बेटे ने की। सत्र न्यायाधीश ने अदालत के समक्ष पेश हुए सबूत के आधार पर और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर तीनों आरोपितों पर हत्या का जुर्म साबित पाया। जज ने आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा और 25-25 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। वहीं इसी मामले में जज ने आरोपितों को दलित उत्पीड़न के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा व 15-15 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। जुर्माना की इस धनराशि में आधी धनराशि मृतक के बेटों को एक समान देने का आदेश दिया।