करवाचौथ के तीन दिन पहले पति की हत्या कर रखा व्रत, चार महीने तक बनी रही सुहागन, यूं खुला राज- Amarujala
03/01/2019
करवाचौथ के तीन दिन पहले पति की हत्या कर रखा व्रत, चार महीने तक बनी रही सुहागन, यूं खुला राज- Amarujala
करवाचौथ के तीन दिन पहले पति की हत्या कर रखा व्रत, चार महीने तक बनी रही सुहागन, यूं खुला राज
मृतक पति शिवा व आरोपी पत्नी मधु (फाइल फोटो)
- फोटो : amar ujala
लखनऊ के मड़ियांव के हरिओम नगर निवासी मधु ने 16 अक्तूबर 2016 को प्रेमी संग पति शिवा (29) की करवाचौथ के तीन दिन पहले हत्या कर दी थी। शव आंगन में बने सेफ्टी टैंक में डाल दिया। इसके बाद करवाचौथ का व्रत रखा। इतना ही नहीं चार महीने तक सुहागन बनकर घूमती रही। कुछ दिन बाद रामलीला मैदान के पास किराये पर कमरा लेकर प्रेमी के साथ रहने लगी।
रिश्तेदारों को पति के लापता होने की सूचना दी। चार महीने बाद खुद को बचाने के लिए थाने गई, लेकिन गेट से ही वापस हो गई। उसने पुलिस पर केस दर्ज न करने का आरोप लगाया। वहीं, संदेह होने पर शिवा के मामा ने मड़ियांव थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई।
वारदात के करीब चार महीने बाद हत्याकांड से पर्दा उठ सका था। पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उसका प्रेमी 22 महीने बाद भी गिरफ्त से दूर है। कुछ दिन पहले उसके लखनऊ में होने की जानकारी पर पुलिस ने कुछ ठिकानों पर छापेमारी की, पर वह हाथ नहीं लगा।
बलरामपुर जिले का शिवा मां सुलोचना व पत्नी मधु के साथ रहता था। उसके पिता रामजी की वर्ष 2000 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उस वक्त शिवा और मां साथ ही गोंडा से लखनऊ आ रहे थे। पति की मौत से सुलोचना की मानसिक स्थिति बिगड़ गई। ऐसे में शिवा के मामा ने उसे अपने पास रख लिया। हरिओम नगर में शिवा को मकान के साथ निजी संस्थान में नौकरी दिलाई। 2012 में उसकी शादी बिरहाना निवासी मधु से कराई। दोनों के दो बच्चे हुए, जिनकी कुछ समय बाद ही मृत्यु हो गई।
वारदात के करीब चार महीने बाद हत्याकांड से पर्दा उठ सका था। पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उसका प्रेमी 22 महीने बाद भी गिरफ्त से दूर है। कुछ दिन पहले उसके लखनऊ में होने की जानकारी पर पुलिस ने कुछ ठिकानों पर छापेमारी की, पर वह हाथ नहीं लगा।
बलरामपुर जिले का शिवा मां सुलोचना व पत्नी मधु के साथ रहता था। उसके पिता रामजी की वर्ष 2000 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उस वक्त शिवा और मां साथ ही गोंडा से लखनऊ आ रहे थे। पति की मौत से सुलोचना की मानसिक स्थिति बिगड़ गई। ऐसे में शिवा के मामा ने उसे अपने पास रख लिया। हरिओम नगर में शिवा को मकान के साथ निजी संस्थान में नौकरी दिलाई। 2012 में उसकी शादी बिरहाना निवासी मधु से कराई। दोनों के दो बच्चे हुए, जिनकी कुछ समय बाद ही मृत्यु हो गई।
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