रिश्तों का खून: घर जमाई नहीं बनने पर जीजा को जिंदा जलाया
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घर जमाई नहीं बनने पर जीजा को जिंदा जलाया
दिल्ली के निहाल विहार में घर जमाई नहीं बनने पर युवक ने अपने जीजा को पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला दिया। दस दिन तक 35 वर्षीय गोविंद राम ने अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ने के बाद 2 अप्रैल को दम तोड़ दिया। गोविंद राम अध्यापक नगर में रहता था। गोविंद के पिता महावीर ने बताया कि आठ साल पहले बेटे की शादी प्रेम नगर निवासी रेणू से हुई थी। दोनों के छह और तीन साल के दो बेटे हैं। बताया गया कि रेणू के मायकेवाले चाहते थे कि गोविंद घर जमाई बनकर रहे, लेकिन वह इसका विरोध करता था। इस उसका पत्नी और ससुरालवालों से झगड़ा भी होता था।
मारपीट कर नाले में फेंक दिया: महावीर ने बताया कि बीते साल दिसंबर में रेणू झगड़ा कर बच्चों के साथ मायके चली गई। गोविंद ने उसे वापस लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन रेणू का भाई भरत और भाभी विनिता हमेशा रास्ते में रोड़े अटकाते थे। इस साल 15 मार्च को गोविंद प्रेम नगर स्थित अपनी ससुराल में बीवी और बच्चों को लाने गया था। इस दौरान ससुरालवालों ने उसकी पिटाई कर दी। फिर रिक्शे पर लादकर ले गए और उसे नाले में फेंक दिया। किसी तरह से वह नाले से निकलकर घर पहुंचा।
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दोबारा हमला किया: 19 मार्च को पीड़ित छोटा हाथी पर सामान की ढुलाई करने के लिए जा रहा था। नांगलोई में वह गाड़ी रोककर खाना खा रहा था। वहां भी उसका साला भरत पहुंच गया और उसकी जमकर पिटाई की, मगर इसकी शिकायत गोविंद ने पुलिस से नहीं की।
समझौते के लिए बुलाया: 22 मार्च की दोपहर करीब ढाई बजे भरत ने फोन कर गोविंद को समझौते के लिए घर बुलाया। आरोप है कि बातों-बातों में भरत उसे एक प्लॉट में ले गया और बोतल में रखे पेट्रोल को गोविंद पर उड़ेल दिया। इसके बाद उसे माचिस से आग के हवाले कर दिया और मौके से फरार हो गया। आग की लपटों में घिरे गोविंद को कोई बचाने नहीं आया। वह जान बचाने के लिए कुछ दूर जाकर एक नाले में कूद गया।
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वहीं, महावीर और उनकी पत्नी सोमवती को पड़ोसियों ने एक लड़के के जलने की खबर मिली। दोनों मौके पर पहुंचे तो पता चला कि वह गोविंद ही है। दोनों उसे संजय गांधी अस्पताल ले गए, मगर हालत गंभीर होने पर उसे एलएनजेपी अस्पताल भेज दिया गया, वहां 2 अप्रैल को उसकी मौत हो गई।