प्रेमी तांत्रिक की मदद से बहू ने सास-ससुर को मरवाया | प्रेमी तांत्रिक की मदद से बहू ने सास-ससुर को मरवाया - Fatehgarh sahib News,फतेहगढ़ साहिब न्यूज़,फतेहगढ़ साहिब समाचार
07/02/2015
https://www.bhaskar.com/news/PUN-OTH-MAT-latest-fatehgarh-news-021502-1310015-NOR.html
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प्रेमी तांत्रिक की मदद से बहू ने सास-ससुर को मरवाया / प्रेमी तांत्रिक की मदद से बहू ने सास-ससुर को मरवाया
Fatehgarh Sahib News - गांवबनवाड़ीमें बुजुर्ग दंपति खेम चंद और उनकी प|ी कमलेश रानी की हत्या का ताना-बना उनकी बहू मोनिका मेहबात ने बुना...
Feb 07, 2015, 02:15 AM IST
गांवबनवाड़ीमें बुजुर्ग दंपति खेम चंद और उनकी प|ी कमलेश रानी की हत्या का ताना-बना उनकी बहू मोनिका मेहबात ने बुना था। पुलिस ने मोनिका समेत हत्या में शामिल गांव नारायणगढ़ के तांत्रिक सिकंदर सिंह और उसके साथी गांव बारौगा अमलोह के गुरप्रीत सिंह, गांव बारौगा बुलंद फतेहगढ़ के रनजीत सिंह को गिरफ्तार किया है। उनसे लूटे गए जेवर और दो बाइक भी जब्त की हैं। बुजुर्ग दंपित की हत्या 23 जनवरी की रात की गई थी।
एसएसपी गुरमीत सिंह चौहान ने बताया कि खेमचंद के नेवी में तैनात बेटे गुरदीप सपाल की शादी करीब साढ़े तीन साल पहले पुराना राजपुरा की मोनिका मेहताब से हुई थी। उनके कोई बेटा नहीं था। मोनिका गांव नारायणगढ़ फतेहगढ़ के तात्रिंक सिंकदर के सपंर्क आई। बाद में उनके बीच रिश्ते बन गए थे। सिंकदर समय-समय पर मोनिका से मिलने ससुराल आया करता था। सास-ससुर को नशीली गोलियां देकर आरोपी वहीं पर मोनिका से रिश्ते बनाता था। बीती जनवरी में सिंकदर जब मोनिका से मिलकर घर से बाहर निकलने लगा तो ससुर खेमचंद ने देख लिया। उन्होंने मोनिका को ऐसा करने से रोका। पर उसने सास-ससुर को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। उसने पूरी जानकारी सिकंदर को दी। मामले का मुख्य हत्यारा जानता था कि खेमचंद और उनकी प|ी अकेले रहते हैं। 23 जनवरी की रात सिकंदर सिंह अपने दोनों साथियों के साथ बुजुर्ग दंपति के घर पहुंचा। उनकी हत्या करने के बाद आरोपी सोने-चांदी के करीब 2.5 लाख के जेवर लूटने के बाद फरार हो गए। एसपी-डी जसरकनजीत सिंह तेजा, डीएसपी आरएस सोहल, सिटी थाना एसएचओ शमिंद्र सिंह ने जांच के दौरान जब सिकंदर से पूछताछ की तब उसने खुद को निर्दोष बताया। मर्डर के खुलासे के बाद पुलिस ने खेमचंद का मोबाइल जब्त किया। 23 जनवरी की रात 21:59 के बाद से उनका मोबाइल काम नहीं कर रहा था। मोनिका हाल लेने के लिए सास-ससुर को फोन करती थी। सवाल यह था कि 23 से 28 के बीच में बात क्यों नहीं हुई। पोस्टमार्टम करने वाले एपी जैन अस्पताल के डॉक्टरों ने भी मर्डर मामले का खुलासा होने के करीब 4-7 दिन पहले होने का अनुमान लगाया था।
मोनिका के बाबा थे फ्रीडम फाइटर
मोनिकामेहताब के दादा मुन्नी लाल मेहताब ने देश की आजादी के लिए जान की बाजी तक लगा दी थी। वह स्वत्रंता संग्राम के दौरान अलग-अलग जेलों में रहे। जिनका कुछ साल पहले निधन हो गया था। इतना ही नहीं मोनिका के चाचा नरेश मेहबात बड़े नेता रहे हैं। उन्होने राजपुरा से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था।
तीनों आरोपी फतेहगढ़ साहिब के हैं
28जनवरी, बुधवार को मुंबई से मोनिका ने बात करने के लिए सास-ससुर को फोन किया। बात होने पर उसने अपनी मां से कहा कि वह उनका हालचाल ले ले। 30 जनवरी की सुबह जब मोनिका की मां बेटी की ससुराल पहुंची तब पता चला कि सास-ससुर का मर्डर हो चुका है। जबकि मोनिका के कॉल करने के 5 दिन पहले मर्डर हो चुका था। मोनिका को पूरी जानकारी थी।
एसएसपी गुरमीत सिंह चौहान ने बताया कि खेमचंद के नेवी में तैनात बेटे गुरदीप सपाल की शादी करीब साढ़े तीन साल पहले पुराना राजपुरा की मोनिका मेहताब से हुई थी। उनके कोई बेटा नहीं था। मोनिका गांव नारायणगढ़ फतेहगढ़ के तात्रिंक सिंकदर के सपंर्क आई। बाद में उनके बीच रिश्ते बन गए थे। सिंकदर समय-समय पर मोनिका से मिलने ससुराल आया करता था। सास-ससुर को नशीली गोलियां देकर आरोपी वहीं पर मोनिका से रिश्ते बनाता था। बीती जनवरी में सिंकदर जब मोनिका से मिलकर घर से बाहर निकलने लगा तो ससुर खेमचंद ने देख लिया। उन्होंने मोनिका को ऐसा करने से रोका। पर उसने सास-ससुर को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। उसने पूरी जानकारी सिकंदर को दी। मामले का मुख्य हत्यारा जानता था कि खेमचंद और उनकी प|ी अकेले रहते हैं। 23 जनवरी की रात सिकंदर सिंह अपने दोनों साथियों के साथ बुजुर्ग दंपति के घर पहुंचा। उनकी हत्या करने के बाद आरोपी सोने-चांदी के करीब 2.5 लाख के जेवर लूटने के बाद फरार हो गए। एसपी-डी जसरकनजीत सिंह तेजा, डीएसपी आरएस सोहल, सिटी थाना एसएचओ शमिंद्र सिंह ने जांच के दौरान जब सिकंदर से पूछताछ की तब उसने खुद को निर्दोष बताया। मर्डर के खुलासे के बाद पुलिस ने खेमचंद का मोबाइल जब्त किया। 23 जनवरी की रात 21:59 के बाद से उनका मोबाइल काम नहीं कर रहा था। मोनिका हाल लेने के लिए सास-ससुर को फोन करती थी। सवाल यह था कि 23 से 28 के बीच में बात क्यों नहीं हुई। पोस्टमार्टम करने वाले एपी जैन अस्पताल के डॉक्टरों ने भी मर्डर मामले का खुलासा होने के करीब 4-7 दिन पहले होने का अनुमान लगाया था।
मोनिका के बाबा थे फ्रीडम फाइटर
मोनिकामेहताब के दादा मुन्नी लाल मेहताब ने देश की आजादी के लिए जान की बाजी तक लगा दी थी। वह स्वत्रंता संग्राम के दौरान अलग-अलग जेलों में रहे। जिनका कुछ साल पहले निधन हो गया था। इतना ही नहीं मोनिका के चाचा नरेश मेहबात बड़े नेता रहे हैं। उन्होने राजपुरा से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था।
तीनों आरोपी फतेहगढ़ साहिब के हैं
28जनवरी, बुधवार को मुंबई से मोनिका ने बात करने के लिए सास-ससुर को फोन किया। बात होने पर उसने अपनी मां से कहा कि वह उनका हालचाल ले ले। 30 जनवरी की सुबह जब मोनिका की मां बेटी की ससुराल पहुंची तब पता चला कि सास-ससुर का मर्डर हो चुका है। जबकि मोनिका के कॉल करने के 5 दिन पहले मर्डर हो चुका था। मोनिका को पूरी जानकारी थी।
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